मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह के लेटर बम के बाद दिल्ली में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सुप्रीमो शरद पवार ने स्पष्ट तौर पर कहा कि इस घटना का महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार पर कोई असर नहीं होगा। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में गृह मंत्री अनिल देशमुख का बचाव किया। उन्होंने कहा कि जिस पत्र के जरिए परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख पर आरोप लगाए हैं, उसमें उनका हस्ताक्षर नहीं है। सचिन वाझे की नियुक्ति को लेकर पवार ने कहा कि वाझे की नियुक्ति न तो गृह मंत्री ने की और न ही मुख्यमंत्री ने, उनकी नियुक्ति का फैसला परमबीर सिंह का था।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में शरद पवार ने परमबीर सिंह पर हमला किया। उन्होंने कहा कि पद से हटाए जाने के बाद उन्होंने इस तरह के आरोप लगाए हैं। पवार ने कहा कि आरोप तो लगाए गए हैं, लेकिन उनके सबूत नहीं हैं।
अनिल देशमुख पर निर्णय कल तक
अपनी पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का बचाव किया, वहीं परमबीर सिंह पर हमलावर दिखे। उन्होंने कहा कि अनिल देशमुख के बारे में कल तक निर्णय लिया जा सकता है।
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उद्धव ठाकरे लेंगे निर्णय
शरद पवार ने कहा कि परमबीर सिंह मुझसे मिले थे। उन्होंने कहा था कि मेरे साथ अन्याय हो रहा है। उन्होंने कहा कि अनिल देशमुख के बारे में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे फैसला करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने विपेक्ष की मांगों को लेकर सवालों के जवाब देते कहा कि विपक्ष का काम ही आरोप लगाना है।
भाजपा का हमला तेज
इस बीच केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि अगर महाराष्ट्र में एक मंत्री का टारगेट 100 करोड़ था, तो बाकियों का कितना होगा। उद्धव ठाकरे की सरकार के पास कोई नैतिक अधिकार नहीं है कि वे सरकार में एक दिन भी रहें।