Maharashtra: ‘राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरद चंद्र पवार’ – शरद पवार गुट की पार्टी को मिला नया नाम

शरद पवार के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नाम अजीत पवार के गुट को दिए जाने के बाद चुनाव आयोग ने महत्वपूर्ण फैसला किया है।

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शरद पवार
शरद पवार ने एनसीपी अध्यक्ष पद से त्यागपत्र दिया

Maharashtra: शरद पवार के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नाम अजीत पवार के गुट को दिए जाने के बाद चुनाव आयोग ने महत्वपूर्ण फैसला(Important decision of Election Commission) किया है। आयोग ने शरद पवार गुट की नई पार्टी का नाम राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरद चंद्र पवार(Name of the new party of Sharad Pawar faction is Nationalist Congress Party Sharad Chandra Pawar) दिया है। तीन नामों में से यह नाम पवार गुट को दिया गया है।

बता दें कि 6 फरवरी को एनसीपी के शरद पवार गुट को एक और झटका लगा था। चुनाव आयोग ने पार्टी का नाम और घड़ी चुनाव चिन्ह अजीत पवार गुट को देने का फैसला दिया था। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ ही चुनाव चिन्ह भी अजीत पवार गुट को मिलना शरद पवार के लिए निश्चित रूप से बड़ा झटका माना जा रहा है।

सर्वोच्च न्यायालय जा सकता है शरद पवार गुट
चुनाव आयोग के इस फैसले को लेकर शरद पवार गुट के पास एक ही विकल्प बचा है। उसने चुनाव आयोग के इस फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है।

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राज्यसभा के साथ ही लोकसभा में अजीत पवार गुट को होगा लाभ
राज्यसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग के इस फैसले से अजीत पवार गुट को काफी राजनीतिक लाभ होने की संभावना है। इसके साथ ही अगले कुछ महीनों में होने वाले लोकसभा चुनाव में भी अजीत पवार गुट को फायदा होने की संभावना जताई जा रही है। वहीं इस फैसले के कारण शरद पवार गुट को भारी नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है।

शरद पवार गुट को बड़ा झटका
बता दें कि एनसीपी में बड़ी फूट पड़ गई थी। इसलिए असली पार्टी कौन-सी है, इसका फैसला चुनाव आयोग को करना था। चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि अजीत पवार गुट ही असली एनसीपी है। चुनाव आयोग का यह फैसला शरद पवार गुट के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

अजीत पवार ने कर दी थी बगावत
जुलाई महीने में एनसीपी पार्टी में फूट पड़ गई थी। तत्कालीन विपक्ष के नेता अजीत पवार ने सत्तारूढ़ महागठबंधन की सरकार में शामिल होकर उप मुख्यमंत्री पद की कमान संभाल ली थी। उनके साथ पार्टी के अधिकांश विधायक भी गए। शिंदे सरकार में  उनके साथ 7 मंत्रियों ने भी मंत्री पद की शपथ ली। उसके बाद शिवसेना की तरह एनसीपी में भी फूट पड़ गई और ये मामला भी चुनाव आयोग के पास पहुंचा। एनसीपी विभाजन का मामला पिछले छह महीने से चुनाव आयोग के पास लंबित था। इस बीच मामले में चुनाव आयोग के सामने 10 सुनवाई हो चुकी है। इनमें से प्रत्येक सुनवाई में शरद पवार उपस्थित थे।

 

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