आम आदमी पार्टी के पंजाब मामलों के सह-प्रभारी राघव चड्ढ़ा ने कांग्रेस के पंजाब प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू को घेरते हुए कहा है कि पंजाब में कई बार सरकारें बदलीं, विभिन्न पार्टियां सत्ता में आईं और गईं, लेकिन यह व्यक्ति पिछले 15 वर्षों से लगातार सत्ता में है। पार्टियां बदल-बदल कर इस शख्स ने हमेशा सत्ता का लाभा उठाया और सत्ता के मजे लिए। यह शख्स अकाली-भाजपा की सरकार में 10 साल और कांग्रेस सरकार में पांच साल तक तक सत्ता का हिस्सा रहा। 15 साल सत्ता में रहने के बावजूद इस शख्स ने पंजाब और पंजाब के लोगों के भले के लिए कोई काम नहीं किया। सिद्धू पंजाब के सबसे अयोग्य नेता हैं।
24 जनवरी को चंडीगढ़ में पार्टी मुख्यालय में मीडिया से बातचीत में चड्ढ़ा ने सिद्धू पर निशाना साधा और कहा कि पंजाब में एक कहावत है कि साइकिल का भी स्टैंड होता है, लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू का कोई स्टैंड नहीं हैं। पहले वह पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को मूकमोहन सिंह कहते थे। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को मुन्नी कहते थे और राहुल गांधी को पप्पू कहते थे। सत्ता के लिए वे उसी कांग्रेस में चले गए, जिसके शीर्ष नेतृत्व और वरिष्ठ नेताओं को वे गालियां देते थे।
ड्रामा क्वीन हैं सिद्धू
आप नेता ने कहा कि कांग्रेस में जाने के बाद जिस सोनिया गांधी और राहुल गांधी को वे मुन्नी और पप्पू कहते थे, उन्हें भगवान की तरह पूजने लगे। नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब की राजनीति के ड्रामा क्वीन हैं। चड्ढ़ा ने कहा कि सिद्धू के पास न तो पंजाब के लिए कोई विजन है और न ही कोई सोच है। उनका सिर्फ और सिर्फ एक ही लक्ष्य है, किसी भी तरह पंजाब का मुख्यमंत्री बनना और सत्ता पाना।
मुख्यमंत्री बनने के लिए डीएमके में शामिल हो सकते हैं सिद्धू
राघव चड्ढा ने कहा कि सिद्धू को सीएम पद का इतना लालच है कि अगर उन्हें डीएमके कहे कि हम आपको मुख्यमंत्री बना देंगे तो वे मुख्यमंत्री बनने के लिए तमिलनाडु चले जाएंगे और डीएमके ज्वाइन कर लेंगे। चड्ढा ने कहा कि अकाली-भाजपा सरकार के समय सिद्धू सांसद थे। 2017 से 2022 तक कांग्रेस के विधायक रहे और कांग्रेस सरकार में मंत्री भी रहे। लेकिन आज तक उन्होंने पंजाब के लोगों के लिए कुछ नहीं किया। इसलिए कांग्रेस पार्टी भी अब सिद्धू को सीरियस नहीं लेती है।
सिद्धू का असल दर्द
चड्ढा ने कहा कि सिद्धू का असल दर्द यह है कि आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री चेहरे वाले सर्वे में भगवंत मान को 93 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले और उन्हें मात्र साढ़े तीन प्रतिशत लोगों ने पसंद किया। भगवंत मान को पंजाब की जनता बेहद प्यार करती है। सांसद रहते हुए उन्होंने हमेशा पंजाब के लोगों की आवाज संसद से लेकर सड़क तक प्रमुखता के साथ उठाई है।