राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की। इसमें नवाब मलिक के मंत्रालय और मुंबई अध्यक्ष पद को लेकर चर्चा की गई। जिसके अनुसार आगामी दिनों में इसके परिणाम दिखने शुरू हो जाएंगे। यह निर्णय इशारों-इशारों में नवाब का त्यागपत्र न लेकर साइड लाइन करने का संदेश हो तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
राजनीतिक सूत्रों के अनुसार शरद पवार के निवास पर हुई बैठक में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, जयंत पाटील, छगन भुजबल, दिलीप वलसे पाटील और प्रफुल पटेल उपस्थित थे। इसमें नवाब मलिक के मंत्रालय के कार्यभार को संभालने और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुंबई अध्यक्ष पद को लेकर चर्चा हुई। इस बैठक में पार्टी नवाब मलिक के सभी आरोपों के बाद भी उनके साथ खड़े होने की बात कर रही है, परंतु अब जो कदम उठाए जाने हैं, वह परोक्ष रूप से साइड लाइन करने का संकेत दे रहे हैं। हालांकि, राकांपा की ओर से ऐसा अभी कुछ भी नहीं कहा गया है। यह सभी बातें अभी सूत्रों के अनुसार व्यक्त की जा रही हैं।
नवाब का मंत्री पद कार्य बांटा जाएगा
नवाब मलिक अल्पसंख्यक मामलों और कौशल्य विकास मंत्री हैं। वह फरवरी में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किये गए थे। तभी से वे हिरासत में हैं। ऐसी स्थिति में राकांपा भले ही उनके साथ खड़ी है, परंतु उनके मंत्री पद के कार्यों को सुचारु रूप से संचालित करने पर चर्चा हो रही है।
मंत्री रहेंगे पर जाएंगे अधिकार – प्राप्त समाचारों के अनुसार नवाब मलिक के मंत्री पद के कार्यों को संचालित करने के लिए उनके मंत्रालय का कार्य दो मंत्रियों में बांटा जा सकता है। यानि मंत्री भले रहेंगे नवाब परंतु उनके कार्य कोई और देखेगा।
बने रहेंगे मुंबई अध्यक्ष – समाचारों के अनुसार नवाब मलिक को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुंबई अध्यक्ष पद से भी नहीं हटाया जाएगा। बल्कि, उनके नीचे दो कार्याध्यक्षों की नियुक्ति की जाएगी, जो पार्टी के कार्यों को देखेंगे।
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