कभी चुनावी रण में न उतरनेवाला ठाकरे परिवार पिछले चुनाव मे अचानक चुनाव लड़ने लगा। यह सभी के लिए आश्चर्यजनक था। परंतु, यह उससे भी बड़ा आश्चर्यज था कि ठाकरे परिवार का मुखिया और शिवसेना का पक्षप्रमुख ही अचानक मुख्यमंत्री बन जाए। लेकिन, ये कैसे संभव हुआ इस पर से पर्दा अब उठा है। हालांकि, शिवसेना से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
2019 में विधान सभा चुनाव के मत परिणाम आने के बाद बहुमत चौतरफा बिखरा हुआ आया। जिसके कारण एक स्थिति ये उभरी कि एक साथ चुनाव लड़कर जीते भाजपा शिवसेना में मुख्यमंत्री पद को लेकर अनबन हुई तो शिवसेना ने कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस से गठबंधन कर लिया।
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पवार ही रिमोट कंट्रोलर
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने बताया कि, उद्धव ठाकरे के कंधे कैसे आई मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी। उन्होंने कहा कि, मुख्यमंत्री पद के लिए तीन नाम आगे आए थे। इसमें उद्धव ठाकरे का नाम भी थी। तब मैंने अपने एक पुराने सहकारी के पुत्र को मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लिया, इसलिए मैंने उद्धव ठाकरे का हाथ पकड़कर उठाया।