गोवा विधान सभा चुनावों को लेकर बड़ी घोषणा हुई है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और शिवसेना ने संयुक्त प्रेस वार्ता में साथ रहने की घोषणा की है, लेकिन इसमें हाथ (कांग्रेस) का साथ छूट गया है। जिसे महाराष्ट्र में गठित महाविकास आघाड़ी के गोवा में टूटने का परिचायक माना जा रहा है।
कांग्रेस ने की अनदेखी
शिवसेना और राकांपा की संयुक्त प्रेस वार्ता में राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि, उनकी पार्टी सदा ही सम विचार वाली पार्टियों का सहयोग करती रही है, इसलिए महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी का गठन हुआ। इसी को हम गोवा में दोहराना चाहते हैं। हमने कांग्रेस को भी प्रस्ताव दिया था, परंतु उन्होंने कोई उत्तर नहीं दिया। कांग्रेस ने राकांपा का सम्मान करने के बजाय उसकी अनदेखी ही की है।
बनेंगे किंगमेकर
शिवसेना नेता संजय राऊत ने राकांपा से शिवसेना के गठबंधन की पुष्टि करते हुए कहा कि, गठबंधन गोवा की 40 सीटों पर चुनाव नहीं लड़ेगा, परंतु वह जितनी भी सीटों पर चुनाव लड़ेगा। वह इतना काफी होगा कि चुनाव परिणामों के बाद वे किंग मेकर की भूमिका में रहें। गोवा की अगली सरकार बिना उनके गठबंधन के समर्थन के सरकार नहीं बना पाएगी।
कांग्रेस अकेले लड़ने का दम
संजय राऊत ने कहा है कि, यदि कांग्रेस अकेले के दम पर चुनाव लड़ने का निर्णय करती है तो हमारी शुभकामनाएं हैं। हम जितनी भी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे उनमें निश्चित करेंगे कि, उनमें से अधिकतर सीटों पर चुनाव जीतकर आएं।