महाराष्ट्र (Maharashtra) में राजनीति (Politics) एक बार फिर गरमा रही है। जहां विपक्षी एकता (Opposition Unity) की बात हो रही है, वहीं विपक्षी दलों (Opposition Parties) के सबसे वरिष्ठ नेता लगातार विपक्ष से हटते नजर आ रहे हैं। हम बात कर रहे हैं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Nationalist Congress Party) प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) की, जिन्हें पिछले महीने ही राजनीतिक बगावत (Political Rebellion) का सामना करना पड़ा था। वैसे तो इस बगावत को लेकर कई तरह की बातें कही गईं, लेकिन जो मुश्किल सामने आ रही है वो ये है कि आखिर शरद पवार और अजित पवार (Ajit Pawar) लगातार मुलाकात क्यों कर रहे हैं? जाहिर है ये सवाल अभी हाल ही में 12 अगस्त की सीक्रेट मीटिंग के बाद ज्यादा ही जोर पकड़ता दिखा है, जब एक बार फिर शरद पवार और अजित पवार की एक बिजनेसमैन के घर पर गुप्त बैठक हुई। आपको बता दें कि बगावत के 43 दिनों में शरद-अजीत की यह चौथी मुलाकात है, ऐसे में महाराष्ट्र की राजनीति में सवालिया निशान हवा में तैर रहा है।
एनसीपी में टूट की कहानी
अजीत पवार ने पिछले महीने शिवसेना-भाजपा सरकार में उपमुख्यमंत्री का पद संभाला था, जबकि उनके गुट के आठ अन्य एनसीपी विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली थी। अजीत पवार से मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर शरद पवार ने कहा, ”मैं आपको बताना चाहता हूं कि वह मेरा भतीजा है। भतीजे से मिलने में क्या बुराई है? अगर परिवार का कोई वरिष्ठ व्यक्ति परिवार के किसी अन्य सदस्य से मिलना चाहता है, तो वहां जाएं।” इसमें कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। अगर अजित पवार मुझसे मिलने आते हैं, तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। हम छिपकर नहीं मिलते।
यह भी पढ़ें- चंद्रमा के और करीब पहुंचा चंद्रयान-3, 23 अगस्त को होगी लैंडिंग
एनसीपी भाजपा के साथ नहीं जाएगी: शरद पवार
रविवार को महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के सांगोला में पवार ने कहा कि भाजपा के साथ किसी भी तरह का गठबंधन एनसीपी की नीति में फिट नहीं बैठता है। पवार ने कहा कि एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर मैं साफ कर रहा हूं कि मेरी पार्टी (एनसीपी) भाजपा के साथ नहीं जाएगी। पवार ने कहा कि हममें से कुछ (अजीत पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी गुट) ने अलग रुख अपनाया है। अब हमारे कुछ शुभचिंतक यह देखने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या हमारे रुख में कोई बदलाव हो सकता है। इसलिए वे सौहार्दपूर्ण बातचीत की कोशिश कर रहे हैं।
पुनः प्रयास कर रहे अजीत
कल की मुलाकात में एक बार फिर अजीत पवार ने शरद शरद को मनाने की कोशिश की। ऐसा इसलिए क्योंकि शरद पवार के साथ रहने वाले कुछ विधायक अजीत पवार के साथ जाना चाहते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बार उन विधायकों में जयंत पाटिल का नाम भी शामिल है। वहीं, राजेश टोपे का नाम भी शामिल है। ये दोनों महा विकास अघाड़ी सरकार में मंत्री रह चुके हैं।
देखें यह वीडियो- सपा और कांग्रेस का जब-जब गठबंधन होता है, अनर्थ ही होता है : सीएम योगी आदित्यनाथ
Join Our WhatsApp Community