National Conference: पाकिस्तान(Pakistan) के प्रति नेशनल कॉन्फ्रेंस का प्रेम जम्मू-कश्मीर(Jammu and Kashmir) में जनादेश का घोर अपमान(A gross insult to the mandate) है। यह कदम क्षेत्र में अस्थिरता को फिर से भड़काने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने का एक स्पष्ट प्रयास है। यह बात जम्मू-कश्मीर भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्य सचिव पवन शर्मा(Senior BJP leader and former state secretary Pawan Sharma) ने कही।
नेशनल कॉन्फ्रेंस की विभाजनकारी राजनीति
शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि जम्मू-कश्मीर के लोगों ने लगातार नेशनल कॉन्फ्रेंस की विभाजनकारी राजनीति(Divisive politics) को खारिज किया है और इसके बजाय विकास और स्थिरता को चुना है। भाजपा ने क्षेत्र में शांति, स्थिरता और क्षेत्रीय संतुलन को बढ़ावा देने के लिए अथक प्रयास किया है और नेशनल कॉन्फ्रेंस की हरकतों को हमारी प्रगति को कमजोर नहीं होने देगी।
पाकिस्तान के तुष्टीकरण को प्राथमिकता देने के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस की आलोचना
शर्मा ने जम्मू-कश्मीर के लोगों की जरूरतों को पूरा करने की बजाय पाकिस्तान के तुष्टीकरण को प्राथमिकता देने के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस की आलोचना की। पार्टी के घोषणापत्र में आतंकवादियों को रिहा करने, पाकिस्तान के साथ बातचीत और व्यापार फिर से शुरू करने और एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों के लिए आरक्षण को खत्म करने के वादे शामिल हैं जिसे शर्मा जनता के भरोसे के साथ विश्वासघात और आपदा का नुस्खा मानते हैं।
भाजपा के पास जम्मू-कश्मीर में विकास और स्थिरता लाने के लिए रोड मैप तैयार
इसके विपरीत भाजपा के पास जम्मू-कश्मीर में विकास और स्थिरता लाने का एक सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड है। शर्मा ने कहा कि हमने क्षेत्रीय संतुलन को बढ़ावा दिया है, सभी समुदायों के लिए न्याय सुनिश्चित किया है और लोगों के अधिकारों की रक्षा की है। पाकिस्तान के बारे में बयानबाजी करने के बजाय नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेतृत्व को जम्मू-कश्मीर के लोगों के कल्याण और विकास को प्राथमिकता देनी चाहिए। शर्मा ने बेरोजगारी, गरीबी और बुनियादी ढांचे के विकास जैसे मुद्दों को संबोधित करने के महत्व पर जोर दिया। शर्मा ने जम्मू-कश्मीर के लोगों से नेशनल कॉन्फ्रेंस की विभाजनकारी राजनीति की निंदा करने और विकास और स्थिरता का रास्ता चुनने का आह्वान किया।