कृषि कानूनों के विरोध को लेकर चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में एनडीए के एक और साथी ने नाराजगी जताई है। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रमुख ने संसदीय समितियों से इस्तीफा दे दिया है। इस बीच आंदोलन एक महीने से जारी है।
संयुक्त किसान मोर्चा के अंतर्गत किसान संगठनों ने केंद्र सरकार के पत्र का उत्तर दे दिया है। किसान संगठन और केंद्र सरकार के मध्य अब 29 दिसंबर को 11 बजे बातचीत हो सकती है। इस बीच बीजेपी नीत एनडीए के घटक दल राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने एनडीए से अलग होने की घोषणा की है। 19 दिसंबर को उन्होंने संसद की तीन समितियों से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा है कि यदि आवश्यकता पड़ी तो वे संसद सदस्य के पद से भी इस्तीफा दे सकते हैं।
I have left the NDA (National Democratic Alliance) in protest against the three farm laws. These laws are anti-farmer. I have left NDA but won't forge alliance with Congress: Rashtriya Loktantrik Party chief Hanuman Beniwal pic.twitter.com/luToWGTwa7
— ANI (@ANI) December 26, 2020
कौन हैं हनुमान बेनीवाल?
हनुमान बेनीवाल बीजेपी में हुआ करते थे। लेकिन 2013 में बीजेपी नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था। 29 अक्तूबर 2018 को उन्होंने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी का गठन किया।
एक साल में तीसरे मित्र पक्ष ने छोड़ा साथ
एक साल में तीसरा तो महीने भर में दूसरा दल एनडीए से अलग हो चुका है। कृषि सुधार कानूनों को लेकर एनडीए का 23 साल पुराना साथी शिरोमणि अकाली दल अलग हुआ था। इसके बाद किसान आंदोलन के मुद्दे पर आरएलपी ने अपने आपको एनडीए से अलग कर लिया है। जबकि गोरखा जाति को अनुसूचित जनजाति के रूप में चिन्हित न करने से नाराज गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने पश्चिम बंगाल में साथ छोड़ दिया है।
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