दिल्ली (Delhi) स्थित नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (Nehru Memorial Musium and Library) का नाम बदल गया है। इसे प्राइम मिनिस्टर म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (Prime Minister Musium and Library) के नाम से जाना जाएगा। इस संदर्भ में जानकारी उपाध्यक्ष एस सूर्य प्रकाश ने साझा की है। नाम बदले जाने का दुख कांग्रेस में दिख रहा है। नेताओं ने मोदी सरकार (Modi Government) इसके लिए हमला करना शुरू किया है।
संस्कृति मंत्रालय (Ministry if Cultural Affairs) की ओर से कई वर्षों पहले निर्णय लिया गया था कि, नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी का नाम बदला जाए। इसके लिए बैठकें भी हुई थीं, जिसमें म्यूजियम के उपाध्यक्ष राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) भी उपस्थित थे। इस निर्णय को बाद में नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी के कार्यकारी सदस्यों की बैठक में नवंबर 2016 में सहमति मिली थी। इसके बाद 21 अप्रैल, 2022 को प्रधानमंत्री संग्रहालय को खोला गया था।
देगा प्रधानमंत्रियों की जानकारी
संस्कृति मंत्रालय के अनुसार नेहरू मोमेरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का सौंदरीकरण (Beutification) और तकनीकी (Technical Development) आधार पर विकास किया गया है। वर्तमान समय में यह अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस म्यूजियम और लाइब्रेरी है। जिसमें भारत के सभी प्रधानमंत्रियों के जीवन की जानकारी दी गई है। यह देश को कठिन काल से उबारने के प्रयत्नों का चित्रण करता है। जिसमें सभी प्रधानमंत्रियों के कार्यों का चित्रण है। पिछले वर्ष जब प्रधानमंत्री म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का उद्घाटन किया गया तो गांधी नेहरू परिवार से किसी सदस्य ने भी हिस्सा नहीं लिया था, जबकि इस परिवार से जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी प्रधानमंत्री रहे हैं।
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कांग्रेस को गुस्सा आया
नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का नाम बदलने से कांग्रेस को गुस्सा आया है। कांग्रेस नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के नेता प्रमोद तिवारी ने कहा है कि, नेहरू का नाम बदलने से उनके कार्यों को नकारा नहीं जा सकता। जवाहरलाल नेहरू का नाम मोदी सरकार के हटाने से समाप्त नहीं होगा। नेहरू को किसी के दया की आवश्यकता नहीं है।