PMML: बक्से से बाहर आएगा नेहरू के निजी जीवन का सच, सरकार अपने अधिकार में लेगी सोनिया से कागजात?

इस साल 13 फरवरी में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में पीएमएमएल (PMML) की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) हुई।

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PMML: प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय (Prime Minister’s Museum and Library) (PMML) को पहले नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (Nehru Memorial Museum and Library) कहा जाता था। फिलहाल PMML अपने संग्रहालय में निजी कागजात (personal papers) के स्वामित्व और संरक्षण पर कानूनी राय लेने की योजना बना रहा है, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) के कागजात भी शामिल हैं। ये कागजात 1971 के बाद इंदिरा गांधी द्वारा दान किए गए थे और बाद में सोनिया गांधी द्वारा ले जाए गए थे।

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार इस साल 13 फरवरी में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) की अध्यक्षता में पीएमएमएल (PMML) की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) हुई। इस बैठक के दौरान चर्चा का एक बड़ा विषय पीएमएमएल के संग्रहालय में नेहरू के निजी कागजात पर केंद्रित था, जिनमें 51 बक्सों में भरे दस्तावेज शामिल हैं। बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सहित अन्य सदस्य भी शामिल थे। पंडित नेहरू के निजी कागजात से भरे ये 51 बक्से मई 2008 में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी द्वारा ले लिए गए थे। दरअस्ल ये कागजात पूर्व प्रधानमंत्री पंडित नेहरू की बेटी इंदिरा गांधी ने उस समय के नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय को डोनेट किए थे।

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सोनिया गांधी ले गई थीं 51 बक्से
फरवरी में हुई बैठक के दौरान, सदस्यों को बताया गया गया था कि इस मामले में एक “आंतरिक जांच” की गई है, जिसमें पता चला कि मार्च 2008 में सोनिया गांधी ने एम. वी. राजन को नेहरू संग्रहालय में निजी कागजात और आधिकारिक कागजात को अलग करने के लिए भेजा था। उनके द्वारा छांटे गए कागजात 5 मई 2008 को 51 बक्सों में सोनिया गांधी को भेजे गए थे। बैठक में सदस्यों का विचार था कि उन सभी कागजातों को वापस लाया जाना चाहिए हालांकि उनकी कानूनी स्थिति पर कोई स्पष्टता नहीं थी। इसके बाद स्वामित्व, संरक्षकता, कॉपीराइट और इन अभिलेखीय संग्रहों के उपयोग जैसे मुद्दों पर कानूनी राय लेने के लिए आम सहमति बनी।

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इंदिरा गांधी ने एनएमएमएल को सौंपे थे कागजात
1946 के बाद के नेहरू के पत्रों का एक बड़ा संग्रह इंदिरा गांधी द्वारा पीएमएमएल को सौंप दिया गया था। इंदिरा गांधी ने हिदायत दी थी कि ये कागजात केवल सुरक्षित देखभाल के लिए रखे गए हैं। 1984 मे इंदिरा गांधी की मृत्यु के बाद, सोनिया, गांधी परिवार के उत्तराधिकारियों की ट्रस्टी-अभिभावक थीं। रिकॉर्ड के अनुसार सोनिया गांधी द्वारा प्राप्त किए गए कागजात में नेहरू और जयप्रकाश नारायण, एडविना माउंटबेटन, अल्बर्ट आइंस्टीन, अरुणा आसफ अली के बीच आदान-प्रदान किए गए पत्र शामिल हैं। फिलहाल विजया लक्ष्मी पंडित और जगजीवन राम  तथा नेहरू सहित कई निजी कागजात के “स्वामित्व, संरक्षकता और कॉपीराइट” पर कानूनी राय लेने के लिए पीएमएमएल के फैसले पर सोनिया गांधी के कार्यालय को ईमेल भेजा गया है, लेकिन अभी तक उसका कोई जवाब नहीं आया है।

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1,000 हस्तियों से संबंधित कागजात मौजूद
पीएमएमएल के पास देश में निजी पत्रों का सबसे बड़ा संग्रह है, जो मूल रूप से आधुनिक भारत की लगभग 1,000 हस्तियों से संबंधित है। इसके अभिलेखागार में 1861 की शुरुआत से दिल्ली में दर्ज की गई एफआईआर के विवरण भी मौजूद हैं। इनमें से कई कागजात माइक्रोफिल्म पर हैं। जब व्यक्तिगत कागजात के विभिन्न सेट संस्था को सौंपे गए थे, तो संबंधित दाताओं द्वारा उनके सार्वजनिक करने को लेकर कुछ शर्तें भी रखी गई थीं।

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कागजात का खुलासा करने पर प्रतिबंध
पीएमएमएल के सूत्रों ने कहा कि अधिकांश सदस्यों का मानना है कि निजी कागजात को सार्वजनिक करने पर प्रतिबंध, जो अक्सर दानदाताओं द्वारा लगाया जाता है, अनिश्चितकालीन नहीं होना चाहिए और उसके लिए एक सीमा निर्धारित की जानी चाहिए। कागजात दानकर्ताओं द्वारा लगाए गए प्रतिबंध का मुद्दा उन मुद्दों में से एक है, जिस पर पीएमएमएल कानूनी राय मांगेगा। फरवरी में आयोजित बैठक संग्रहालय के नाम से नेहरू का नाम हटाने तथा इसका नाम बदलकर प्रधान मंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय करने के बाद होने वाली पहली एजीएम थी।

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