Nepal: नेपाल में राजशाही (Monarchy in Nepal) के समर्थन में हो रहे प्रदर्शनों पर अपनी कार्रवाई तेज करते हुए नेपाल सरकार (Nepal Government) ने पूर्व राजा ज्ञानेंद्र बीर बिक्रम शाह देव (Gyanendra Bir Bikram Shah Dev) और नेपाल राष्ट्रीय पंचायत (Nepal National Panchayat) के अध्यक्ष नव राज सुबेदी (Nav Raj Subedi) समेत विरोध प्रदर्शनों (Protests) का समर्थन करने वाले नेताओं पर यात्रा प्रतिबंध लगा दिया है।
सुबेदी पर विरोध प्रदर्शनों का समन्वय करने का आरोप है। इसके अलावा, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (आरपीपी) के उपाध्यक्ष और महासचिव को भी कथित तौर पर नजरबंद कर दिया गया है।
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7.93 नेपाली रुपये का जुर्माना
रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली नेपाली सरकार ने पूर्व राजा की सुरक्षा भी कम कर दी है और उनका पासपोर्ट भी रद्द कर दिया है। पूर्व राजा की सुरक्षा में तैनात कर्मियों की संख्या 25 से घटाकर 16 कर दी गई है। इसके अलावा, काठमांडू नगर निगम ने हिंसक विरोध प्रदर्शनों के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान के लिए शनिवार (29 मार्च) को पूर्व राजा पर 7.93 नेपाली रुपये का जुर्माना लगाया है। खबरों के मुताबिक, प्रधानमंत्री ओली ने रविवार, 30 मार्च को शाम करीब 6 बजे सभी दलों की बैठक बुलाई है, जिसमें विरोध प्रदर्शनों पर चर्चा की जाएगी।
संसदीय बैठक दो घंटे देरी से शुरू
राजशाही समर्थक प्रदर्शनों का समर्थन कर रही राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी को बैठक में नहीं बुलाया गया। इस बीच, संसद में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर हंगामा हुआ, जिसके कारण संसदीय बैठक दो घंटे देरी से शुरू हुई। संसद के रविवार के सत्र का सीधा प्रसारण नहीं किया गया। काठमांडू में पिछले कुछ दिनों से राजशाही के समर्थन में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। राजशाही की बहाली की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों की सुरक्षाकर्मियों से झड़प हुई, जिसके कारण शहर के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया।
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3 अप्रैल तक का अल्टीमेटम
इस हिंसा में एक प्रदर्शनकारी और एक वीडियो पत्रकार समेत दो लोगों की मौत हो गई। सुरक्षाकर्मियों समेत कई लोग घायल भी हुए। प्रदर्शनकारियों ने नेपाल सरकार को 3 अप्रैल तक का अल्टीमेटम दिया है। आरपीपी ने नेपाल सरकार को पूर्व राजा को गिरफ्तार न करने की चेतावनी देते हुए कहा है कि इस तरह की कार्रवाई से विरोध और भड़केगा। आरपीपी नेता धवल शमशेर राणा और रवींद्र मिश्रा समेत करीब 112 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। सत्तारूढ़ नेपाली कांग्रेस ने शुक्रवार को तिनकुने इलाके में राजशाही के समर्थन में हुए विरोध प्रदर्शन के लिए पूर्व राजा को जिम्मेदार ठहराया है।
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नेपाली कांग्रेस के प्रवक्ता ने क्या कहा?
नेपाली कांग्रेस के प्रवक्ता प्रकाश शरण महत ने कथित तौर पर कहा, “हमने राजशाही समर्थकों के नाम पर शुक्रवार को की गई गतिविधियों की समीक्षा की और गृह मंत्री ने घटनाओं का विवरण प्रस्तुत किया, जिसके बाद हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि हिंसक गतिविधियों की योजना जानबूझकर अधिनायकवादी शासन लागू करने के उद्देश्य से बनाई गई थी और पूर्व राजा को इसकी सारी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।”
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