तो इसलिए शरद पवार के आवास पर लगा था दरबार!

दिल्ली में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार के आवास पर एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में राकांपा के साथ ही तृणमूल कांग्रेस पार्टी, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल समेत अनेक पार्टी के नेता शामिल हुए।

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देश की राजधानी दिल्ली में राजनीति के चाणक्य राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार के आवास पर एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में राकांपा के साथ ही तृणमूल कांग्रेस पार्टी, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल समेत अनेक पार्टी के नेता शामिल हुए। बैठक में अनेक मुद्दों पर बात होने की जानकारी मिली है।

माना जा रहा है कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए शरद पवार के नेतृत्व में भाजपा के खिलाफ बगैर कांग्रेस के तीसरा मोर्चा बनाने की दिशा में यह बैठक एक कदम है। हालांकि खुले तौर पर इस बारे में कोई कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।

समान विचार वालों के बीच संवाद के लिए बैठक
बैठक में शामिल सभी नेताओं का यही कहना है कि यह राजनैतिक बैठक नहीं थी। इस बैठक में शामिल माकपा नेता नीलोत्पल बसु ने कहा कि यह बैठक समान विचार वाले लोगों के बीच संवाद के लिए बुलाई गई थी। उन्होंने कहा कि बैठक में कोरोना प्रबंधन, संस्थानों पर हमले और बेरोजगारी जैसे विषयों पर चर्चा हुई।

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राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा
राकांपा नेता मजीद मेमन ने कहा कि बैठक में हमने इस बात पर चर्चा की कि राष्ट्र मंच राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक माहौल को बेहतर बनाने के लिए क्या किया जा सकता है। इसमें लोगों की सलाहों को सुना गया। बैठक में जस्टिस( रिटाटर्ड) एपी शाह ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

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मीडिया पर आरोप
मेमन ने कहा कि मीडिया में कहा जा रहा है कि शरद पवार के नेतृत्व में भाजपा के खिलाफ विपक्ष को एकजुट किया जा रहा है, जो बिलकुल गलत है। यह पूरी तरह झूठ है। मैं यह साफ कर देना चाहता हूं कि यह बैठक पवार के आवास पर बुलाई जरुर गई थी लेकिन उन्होंने ये बैठक नहीं बुलाई थी। पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुला, कांग्रेस के पूर्व नेता संजय झा और जेडीयू के पूर्व नेता पवन वर्मा के साथ ही जावेद अख्तर और सी सिंह आदि शामिल थे।

2018 में की गई थी राष्ट्र मंच की स्थापना
बता दें कि तृणमूल कांग्रेस पार्टी के नेता यशवंत सिन्हा के प्रयास से 2018 में राजनीतिक कार्रवाई समूह राष्ट्र मंच की स्थापना की गई थी। इस मंच से भाजपा सरकार की नीतियों को निशाना बनाया गया था। इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के

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