Niti Aayog meeting: निर्मला सीतारमण ने ममता के दावे को किया खारिज, लगाया यह आरोप

ममता बनर्जी आज राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र में नीति आयोग की नौवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक को बीच में ही छोड़कर बाहर निकल आईं। उन्होंने मीडिया से बातचीत में केंद्र सरकार पर राजनीतिक भेदभाव का आरोप लगाया।

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Niti Aayog meeting:  केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 27 जुलाई को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के माइक्रोफोन बंद करने के दावे को खारिज करते हुए कहा कि नीति आयोग की बैठक में प्रत्येक मुख्यमंत्री को बोलने के लिए उचित समय आवंटित किया गया था।

माइक बंद होने की बात झूठ
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नीति आयोग की बैठक में शामिल हुईं। हम सभी ने उनकी बात सुनी। प्रत्येक मुख्यमंत्री को आवंटित समय दिया गया था और यह स्क्रीन पर दिखाया गया था, जो हर टेबल के सामने मौजूद थीं। हम देख सकते थे कि दो टेबल के सामने स्क्रीन थी। उन्होंने मीडिया में कहा कि उनका माइक बंद था। यह पूरी तरह से झूठ है। हर मुख्यमंत्री को बोलने के लिए उचित समय दिया गया था।

दावे में दम नहीं
सीतारमण ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री इस तरह के दावे कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इस बात से खुश है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बैठक में शामिल हुईं और उन्होंने कहा कि वह विपक्ष यानी आई.एन.डी.आई.ए. ब्लॉक की ओर से बोल रही हैं।

बैठक से बाहर निकलने के लिए बहाना
सीतारमण ने आगे कहा कि बंगाल की मुख्यमंत्री को आवंटित समय से अधिक का अनुरोध करना चाहिए था लेकिन उन्होंने बैठक से बाहर निकलने के लिए इसे एक बहाना बना लिया। वित्त मंत्री ने कहा कि उन्हें (ममता बनर्जी को) झूठ पर आधारित कहानी गढ़ने की बजाय इसके पीछे का सच बोलना चाहिए।

केंद्र सरकार ने भी आरोप को किया था खारिज
इससे पहले, केंद्र सरकार की तथ्य-जांच संस्था ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री द्वारा उनके माइक्रोफोन बंद होने के दावे को “भ्रामक” बताते हुए खारिज कर दिया था। पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) के तहत गठित केंद्र अधिसूचित पीआईबी फैक्ट चैक ने आज तथ्य जांच के आधार पर ममता बनर्जी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि केवल घड़ी ही बता रही थी कि उनका बोलने का समय समाप्त हो गया है।

ममता का दावा भ्रामक
पीआईबी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि यह दावा किया जा रहा है कि नीति आयोग की 9वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री का माइक्रोफोन बंद कर दिया गया था। यह दावा भ्रामक है। घड़ी ही बता रही थी कि उनका बोलने का समय समाप्त हो गया है। यहां तक कि इसे चिह्नित करने के लिए घंटी भी नहीं बजाई गई।

अनुरोध पर बदला गया समय
पीआईबी के अनुसार अगर अल्फाबेटिकल ऑर्डर से देखा जाए तो ममता बनर्जी की बोलने की बारी दोपहर के भोजन के बाद ही आती लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार के आधिकारिक अनुरोध पर मुख्यमंत्री को सातवें वक्ता के रूप में समायोजित किया गया, क्योंकि उन्हें जल्दी लौटना था।

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बैठक छोड़कर बाहर निकल गईं थीं ममता
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र में नीति आयोग की नौवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक को बीच में ही छोड़कर बाहर निकल आईं। बाहर आकर उन्होंने मीडिया से बातचीत में केंद्र सरकार पर राजनीतिक भेदभाव का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई नीति आयोग की बैठक में उन्हें पांच मिनट से अधिक बोलने की अनुमति नहीं दी गई जबकि अन्य मुख्यमंत्रियों को अधिक समय दिया गया।

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