लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार की बदहाली के लिए नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि मैंने कभी उनसे समझौता नहीं किया। जबकि चाहता तो मैं बिहार में नीतीश के साथ होता। मैं यह बात इसलिए कह रहा हूं क्योंकि न मेरे पिता ने कभी समझौता किया और न मैं करूंगा। जो मुझे गलत दिखेगा, उसका हमेशा विरोध करूंगा।
गंगा बहुद्देश्यीय सभागार में 28 सितंबर को आयोजित पासवान-पासी सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि ने बिना नाम लिए राजद और जेडीयू पर हमला करते हुए कहा कि बिहार में दलित को दलित से अलग किया गया। भाई को भाई से लड़ाया गया।
मैं चाहता तो नीतीश के साथ जा सकता थाः चिराग पासवान
अपनी राजनीतिक यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि मेरे नेता रामविलास पासवान के निधन के बाद मैं चाहता तो नीतीश के साथ जा सकता था। लोजपा ( रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि सामाजिक कार्यकर्ता की जो लड़ाई रामविलास पासवान ने शुरू की थी। उसे जारी रखूंगा। रामविलास पासवान का सपना था कि समाज का अंतिम व्यक्ति मुख्यधारा से जुड़ना चाहिए। इसी सपने को पूरा करने का दायित्व मेरे ऊपर है। मैं अपने पिता के अधूरे सपने को पूरा करने के लिए संघर्ष करता रहूंगा।
जाति के आधार पर अन्याय
चिराग पासवान ने कहा कि सामाजिक न्याय के पहिए को मजबूती देने की जरुरत है। आज भी कहीं-कहीं देश में जाति के आधार पर अन्याय होता है। अभी कौशाम्बी में पासी समाज के तीन लोगों की हत्या कई गई थी। मैं वहां गया था। जिसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने न्याय का भरोसा दिया था। जिसके बाद उस परिवार को मुआवजा मिला है जो इस विश्वास को बढ़ावा है कि यह सरकार हमारे संरक्षण का काम कर रही है।
अपने पिता को किया याद
लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने बड़े ही सधे अंदाज में उन्हें देखने आई भीड़ से कनेक्ट किया। अपने भाषण की शुरुआत उन्होंने यह कहते हुए किया कि मैं यहां अपनी पार्टी के नेता के तौर पर नहीं, बल्कि आपका भाई और बेटा बनकर आया हूं। जब तक जिंदा रहूंगा मैं सबके दुख में शामिल रहूंगा। आज मुझे मेरे पिता रामविलास पासवान की कमी खलती है। मेरे पिता हमेशा कहते थे कि अपने विचारों से कभी समझौता मत करना।
इनकमिंग कॉल पर भी लगते थे पैसे
चिराग पासवान ने कहा कि रामविलास पासवान जब संघर्ष कर रहे थे, समाज में भेदभाव की पराकाष्ठा थी। जिस संविधान के आधार पर सरकार चलती है, उसके निर्माता डा. अम्बेडकर की संसद में एक तस्वीर तक नहीं थी। मेरे नेता के प्रयास से बाबा साहब अम्बेडकर की तस्वीर संसद में लगी। उनके ही प्रयासों से बाबा साहब डा. भीमराव अंबेडकर को भारत रत्न मिला। सभा में युवाओं के हाथों में दिख रहे मोबाइल फोनों की ओर इशारा करते हुए कहा कि आज जो यह मोबाइल है, वह रामविलास पासवान की देन है। जब वे दूरसंचार मंत्री थे, तब इनकमिंग काल पर भी पैसे लगते थे। उन्होंने सपना देखा था कि एक रिक्शा वाले के भी हाथ में भी मोबाइल हो जो आज पूरा हो रहा है। कोरोना काल में करोड़ों मजदूर दूसरे प्रदेशों से भूखे-प्यासे पैदल घरों को लौट रहे थे। उनकी पीड़ा हमारे नेता रामविलास पासवान ने महसूस की थी।
21 करोड़ लोगों को दिलवाया मुफ्त में राशन
रामविलास पासवान ने खाद्य मंत्रालय के जरिये 21 करोड़ लोगों को मुफ्त में राशन दिलवाया, जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा आज भी जारी है। प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि गरीब कल्याण की योजना को वे आगे बढ़ा रहे हैं। पासवान-पासी समाज के लोगों को सतर्क करते हुए कहा कि समाज में कई तरीके से बांटने का काम किया जाता है। ऐसे में सतर्क रहने की जरूरत है। पासी और पासवान एक हैं। हम भाई हैं। जब तक हम एक हैं, हमें हमारे अधिकार से कोई वंचित नहीं कर सकता। अपील किया कि हम एक होकर अपने अधिकारों के लिए लड़ते रहें। कहा कि जिस समाज की कल्पना डा. अम्बेडकर ने की थी। उसके लिए काम कर रहा हूं।
परिवार के कई लोगों ने दिया धोखा
अपने परिवार का भी चिराग पासवान ने जिक्र किया। कहा, मेरे परिवार के कई लोगों ने मुझे धोखा दिया। मेरे परिवार का कोई मेरे साथ नहीं है। ऐसे में हमारा समाज ही मेरा परिवार है। अब उत्तर प्रदेश में पासी-पासवान सम्मेलन का अगला कार्यक्रम कौशाम्बी में 27 अक्टूबर को और 16 नवम्बर को प्रतापगढ़ में होगा।
ये भी रहे मौजूद
अध्यक्षता करते हुए सांसद वीरेन्द्र सिंह मस्त ने कहा कि चिराग पासवान भविष्य में सामाजिक न्याय के प्रतीक बनेंगे। कार्यक्रम के संयोजक पूर्व विधायक गोरख पासवान ने सबके प्रति आभार जताया। इस अवसर पर महिला लोजपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष कमला कुमारी, राजीव पासवान व केवी भारती आदि थे।