बिहार – वर्चुअल रैलियों से चुनाव प्रचार का शंखनाद, वाक् युद्ध भी तेज

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मुंबई। बिहार चुनावों को लिए प्रचार की गतिविधियां शुरू हो गई हैं। कोरोना संक्रमण के कारण सोशल डिस्टेंन्सिग का पालन करते हुए रैलियों पर प्रतिबंध है इसलिए राजनीतिक पार्टियों ने वर्चुअल रैलियां करके लोगों को संबोधित करना शुरू कर दिया है। वर्चुअल रैलियों की थीम होती है कि भले ही नेता प्रत्यक्ष रूप से वहां न रहें लेकिन वे दूर से ही संबोधित कर सकते हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बिहार चुनावों के लिए जनता दल यूनाइटेड के प्रचार अभियान का शंखनाद कर दिया गया। विपक्ष ने इसे नाकाम बताया है। जिससे वाक् युद्ध तेज हो गया है।
जनता दल यूनाइटेड सुप्रीमो व मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्चुअल रैली के साथ अपने चुनावी अभियान का आगाज किया। नीतीश कुमार ने पटना स्थित जेडीयू मुख्यालय में बने नवनिर्मित कर्पूरी सभागार के मंच से रैली को संबोधित किया। इसे पार्टी ने ‘निश्चय संवाद’ का नाम दिया। रैली के दौरान मुख्‍यमंत्री ने कोरोना संक्रमण के दौरान किए गए कार्यों को बताया, साथ ही लोगों से इसको लेकर सजग व सतर्क रहने की अपील की। आपदा राहत के अन्‍य कार्यों की चर्चा के दौरान उन्‍होंने बताया कि क्‍यों लोगों ने उनका नाम ‘क्विंटलिया बाबा’ रख दिया था। उन्‍हाेंने नाम लिए बिना आलोचकों की भी खबर ली साथ ही अपनी उपलब्धियां बताते हुए लालू यादव के 15 साल के काल की भी चर्चा की।
ढ़ाई क्विंटल अनाज दिया तो नमा पड़ा क्विंटलिया बाबा
मुख्‍यमंत्री ने बिहार में बाढ़ व सूखा की चर्चा करते हुए कहा कि साल 2007 में आई बाढ़ से करीब ढ़ाई करोड़ लोग प्रभावित हुए थे। तब लोगों को ढ़ाई क्विंटल अनाज देने की व्‍यवस्‍था की थी। उस दौरान लोगों ने ‘क्विंटलिया बाबा’ का नाम दे दिया। अगर पहले लोगों को अनाज दिए गए होते तो वे क्‍यों ऐसा कहते?
डिजिटल रैली डिजिटल प्लेटफॉर्म पर हुई धड़ाम- आप
आम आदमी पार्टी ने नीतीश की रैली का विरोध किया। दरभंगा से आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी शंकर झा कहा कि सबसे हैरानी की बात ये है कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार को जिन लोगों ने सुना उन्होंने उनके के भाषण को लाइक करने के बजाय नापसंद यानी कि डिसलाइक ज्यादा किया। जेडीयू की डिजिटल रैली डिजिटल प्लेटफॉर्म पर फ्लॉप हो गई। उन्होंने कहा कि ये जो लाखों-करोड़ो रुपयों की बर्बादी वर्चुअल रैली के नाम की गई, अगर इन रुपयों से बिहार की जनता का भला होता तो ज्यादा अच्छा होता। बिहार की जनता अब बदलाव चाहती है. नीतीश कुमार को अब बिहार की जनता उखाड़ फेकेंगी ये इस रैली ने साबित कर दिया।

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