महाराष्ट्र के शिवसेना से बगावत करने वाले 16 विधायकों को अस्थायी रूप से राहत मिल गई है। चीफ जस्टिस एनवी रमना ने विधान सभा स्पीकर को निर्देश दिया है कि न्यायालय के फैसले से पहले विधायकों के खिलाफ कोई कार्रवाई न करें। प्रधान न्यायाधीश के इस फैसले से शिंदे गुट के बागी विधायकों को राहत मिली है।
स्पीकर को सर्वोच्च निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के जरिए विधानसभा अध्यक्ष को निर्देश दिया है कि शिवसेना के 16 बागी विधायकों को निलंबित करने की मांग वाली याचिका पर पूरी सुनवाई होने तक कोई कार्रवाई नहीं की जाए। सर्वोच्च न्यायाल ने कहा है कि मामले की सुनवाई के लिए ट्रिब्यूनल का गठन भी जरूरी है। इसलिए, मामले की सुनवाई 12 जुलाई को नहीं होगी।
यह है मामला
शिंदे गुट के 16 विधायकों को विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल द्वारा जारी अयोग्यता नोटिस के खिलाफ शिंदे गुट ने शीर्ष अदालत का रुख किया है। सुप्रीम कोर्ट में 11 जुलाई को इसससे जुड़े कुल सात मामलों की सुनवाई होनी थी। हालांकि, सुनवाई के लिए बेंच का गठन करना जरूरी है। शीर्ष न्यायालय ने कहा कि इन मामलों की सुनवाई पूरी होने तक विधायकों के खिलाफ कोई कार्रवाई न की जाए।
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शिवसेना के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले की सुनवाई 11 जुलाई को करने का अनुरोध किया था, हालांकि इस मांग को सुप्रीम कोर्ट ने भी खारिज कर दिया है। न्यायालय ने यह नहीं बताया कि अगली सुनवाई कब होगी।
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