महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Elections) के मद्देनजर राज्य में सभी राजनीतिक दलों (Political Parties) की जगह-जगह जनसभाएं (Public Meetings) हो रही हैं। भाजपा (BJP) ने महाराष्ट्र (Maharashtra) और देश भर से अपने स्टार प्रचारकों (Star Campaigners) को इस चुनावी मैदान में उतारा है। सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) राज्य में प्रचार सभा से ‘बटेंगे तो काटेंगे’ का नारा दे रहे हैं और बता रहे हैं कि मतदाताओं को क्या करना चाहिए। इस नारे को उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Deputy CM Devendra Fadnavis) ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने ‘एक है तो साफ है’ का नारा दिया है। हालांकि, महागठबंधन (Grand Alliance) में घटक दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने इन घोषणाओं से दूरी बना रखी है।
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने योगी आदित्यनाथ के ‘बटेंगे तो काटेंगे’ नारे की आलोचना की थी। उन्होंने कहा, ”राज्य के बाहर से नेता आ रहे हैं और कुछ भी बयान दे रहे हैं। लेकिन, महाराष्ट्र ने हमेशा सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखा है।” क्या योगी आदित्यनाथ के बयान और उस पर अजित पवार की प्रतिक्रिया से महागठबंधन में दरार आ गई? ऐसा सवाल इस वक्त उठ रहा है।
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एनसीपी की बैठक में नहीं दिखे बीजेपी नेता!
दिलचस्प बात यह है कि योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अजित पवार की पार्टी के उम्मीदवारों के लिए प्रचार बैठकें करते नहीं देखा गया है। ये तीनों एनसीपी उम्मीदवारों की प्रचार सभाओं में नजर नहीं आ रहे हैं। पार्टी ने ऐसी कोई बैठक भी आयोजित नहीं की है। इससे कई सवाल खड़े होते हैं।
बारामती सीट पर पारिवारिक कलह
मोदी-शाह की बैठक नहीं होने के बारे में मीडिया प्रतिनिधियों द्वारा पूछे गए सवाल के बाद अजित पवार ने कहा, “मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बारामती निर्वाचन क्षेत्र में बैठक आयोजित करने का अनुरोध नहीं किया है।” क्योंकि, यहां लड़ाई परिवार की है।” इस सीट पर अजित पवार के खिलाफ उनके भतीजे युगेंद्र पवार ने चुनौती खड़ी कर दी है। वह यह चुनाव एनसीपी शरद चंद्र पवार की पार्टी के टिकट पर लड़ रहे हैं।
अजित पवार ने कहा, ”महाराष्ट्र की तुलना दूसरे राज्यों से करना गलत होगा। महाराष्ट्र की जनता ने अब तक प्रगतिशीलता बरकरार रखी है। बाहरी राज्यों के नेताओं को यहां आकर तरह-तरह के बयान नहीं देने चाहिए। महाराष्ट्र शिव-शाहू-फुले-आंबेडकर के विचारों पर चल रहा है। महाराष्ट्र ने कभी भी उन विचारों को स्वीकार नहीं किया है जो राज्य के बाहर के नेता सामने रख रहे हैं। यह बयान देते समय अजित पवार ने सीएम योगी आदित्यनाथ का जिक्र करने से परहेज किया।
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