Jammu and Kashmir: दलितों, गुज्जरों, पहाड़ियों के साथ ही अन्य वंचित वर्गों के आरक्षण को लेकर किया यह वादा, उमर सरकार पर लगाया यह आरोप

जम्मू-कश्मीर मामलों के प्रभारी तरुण चुग ने कहा कि एनसी दलितों, गुज्जरों, पहाड़ियों और समाज के अन्य वंचित वर्गों के खिलाफ़ बदले और प्रतिशोध की राजनीति पर काम कर रही है लेकिन हम उन्हें ऐसा करने की अनुमति नहीं देंगे।

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Jammu and Kashmir: भाजपा महासचिव और पार्टी के जम्मू-कश्मीर मामलों के प्रभारी तरुण चुग ने 24 दिसंबर को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर आरक्षण नीति को तर्कसंगत बनाने के नाम पर वंचित वर्गों को उनके अधिकारों से वंचित करने का आरोप लगाया।

देश संविधान के अनुसार चलता है
तरुण चुग ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि उमर अब्दुल्ला देश संविधान के अनुसार चलता है और किसी को भी दलितों, गुज्जरों, पहाड़ियों और समाज के अन्य वंचित वर्गों के अधिकारों से खिलवाड़ करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। इंडिया ब्लॉक और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) ने वंचित वर्गों को उनके अधिकारों से वंचित किया है और वे फिर से ऐसा करने की साजिश कर रहे हैं। एनसी सरकार में वाल्मीकि समाज के लोगों को सरकारी नौकरी नहीं मिल पाती थी और भाजपा ने इन लोगों को आरक्षण का संवैधानिक अधिकार दे दिया।

उमर सरकार पर बदले की राजनीति करने का आरोप
उन्होंने कहा कि एनसी इन लोगों के खिलाफ़ बदले और प्रतिशोध की राजनीति पर काम कर रही है लेकिन हम उन्हें ऐसा करने की अनुमति नहीं देंगे। लोगों की बुनियादी समस्याओं का समाधान खोजने में खुद को व्यस्त रखने के बजाय उमर अब्दुल्ला अनावश्यक मुद्दों को उठा रहे हैं। उनकी सरकार लोगों के लिए बिजली और पीने के पानी की सुविधाओं की समस्याओं को दूर करने में विफल रही है और जनता का ध्यान भटकाने के लिए उन्होंने आरक्षण के मुद्दे को उठाया है।

कांग्रेस पर बाबासाहेब के अपमान का आरोप
चुघ ने कहा कि यह अजीब है कि उनके जीवनकाल के दौरान कांग्रेस ने कभी भी बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर को उनका उचित सम्मान नहीं दिया और उनकी मृत्यु के बाद वे अब डॉ. भीमराव अंबेडकर की बात करते हैं। पंडित नेहरू और इंदिरा गांधी को भारत रत्न से सम्मानित किया गया लेकिन कांग्रेस के शासन के दौरान डॉ. भीमराव अंबेडकर को नहीं।

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कांग्रेस ने डॉ. आंबेडकर के विचारों का किया विरोध
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने आजादी से पहले और आजादी के बाद भी अपनी सरकारों के दौरान डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों का विरोध किया। चुघ ने कहा कि उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया और अगर आप पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा लिखे गए पत्र का अध्ययन करेंगे तो आपको पता चलेगा कि उन्होंने स्वतंत्र भारत में आरक्षण का कितना कड़ा विरोध किया था।

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