राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 23 नवंबर को दावा किया कि महाराष्ट्र का एक भी गांव कर्नाटक राज्य में जाने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सीमा विवाद सर्वोच्च न्यायालय में चल रहा है। कर्नाटक में चले गए मराठी भाषी गांव हम किसी भी तरह महाराष्ट्र में लाएंगे। इसके लिए वकीलों की फौज तैयार की जाएगी और राज्य सरकार भी इसके लिए हर तरह की तैयारी कर रही है।
सीमा विवाद पर गरमाई राजनीति
हालांकि उपमुख्यमंत्री के इस वक्तव्य के बाद सीमा विवाद पर राजनीति गरमा गई है। बालासाहेब की शिवसेना के मंत्री शंभुराजे देसाई ने पत्रकारों को बताया कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री वसवराज बोम्मई का बयान हास्यास्पद है। दशकों पहले पारित प्रस्ताव के आधार पर वे इस तरह की बात कर रहे हैं, जबकि सांगली जिले में पानी की आपूर्ति कर्नाटक सरकार ने उस समय महाराष्ट्र के पानी से की थी। देसाई ने बताया कि महाराष्ट्र का ही पानी कर्नाटक में जाता है, जिसे डैम में संचित किया जाता है। सांगली के जत तहसील में पानी कम पड़ने पर उस समय हमारा ही पानी दिया था। देसाई ने कहा कि सीएम एकनाथ शिंदे सीमा विवाद में 40 दिनों तक कर्नाटक की जेल में थे, इसलिए सीएम खुद इस मुद्दे पर गंभीर हैं।
राज्य सरकार पर लगाया लापरवाही का आरोप
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता अरविंद सामंत ने कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है और राज्य सरकार ने इस मामले में जिस वकील को नियुक्त किया है, वह लंदन में है। उन्होंने राज्य सरकार पर इस मामले में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार के इशारे पर महाराष्ट्र के सांगली जिले को भी कर्नाटक में सौंपे जाने की तैयारी की जा रही है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक रोहित पवार ने कहा कि राज्य सरकार आंखें मूंदकर बैठी है। गुजरात, महाराष्ट्र के उद्योग-धंधे ले जा रहा है। अब तो कर्नाटक ने महाराष्ट्र के गांवों को ले जाने की तैयारी कर ली है।
राजू शेट्टी ने दी एकजुट होने की सलाह
पूर्व सांसद राजू शेट्टी ने कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री के वक्तव्य के बाद राज्य के सभी राजनीतिक दलों को एकजुट हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कर्नाटक की नजर सांगली जिले पर है, लेकिन राज्य सरकार को कर्नाटक में 865 मराठी भाषी गांवों को वापस महाराष्ट्र में लाने का प्रयास करना चाहिए।
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मनसे नेता ने की ये मांग
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेता बाला नांदगांवकर ने कहा कि राज्य सरकार को सांगली जिले में नागरी समस्याओं का तत्काल निराकरण करना चाहिए। वहां के लोगों में फैली भ्रांति को भी दूर करने का प्रयास करना चाहिए। सांगली जिले के जत में नागरी सुविधा न होने से लोगों में इस तरह सोच उपज रही है, इसे दूर करना सरकार का ही काम है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट में सरकार को मुस्तैदी से अपनी भूमिका रखनी चाहिए, जिससे सुप्रीम कोर्ट का फैसला हमारे पक्ष में आ सके।