अब नीतियों के निर्धारण में भी योगदान देंगी महिलाएंः Amit Shah

अमित शाह ने कहा कि कुछ दलों के लिए महिला सशक्तिकरण राजनीतिक ऐजेंडा हो सकता है लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार के लिए महिला सशक्तिकरण (women empowerment) मान्यता का मुद्दा है।

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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने लोक सभा में नारी शक्ति वंदन अधिनियम (Nari Shakti Vandan Act) पर चर्चा में बोलते हुए कहा कि 19 सितम्बर 2023 का दिन भारतीय संसद के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा क्योंकि इस दिन गणेश चतुर्थी के अवसर पर नई संसद में पहली बार कामकाज हुआ और वर्षों से लंबित महिलाओं को आरक्षण का अधिकार देने वाला बिल सदन में पेश हुआ। उन्होंने कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) को हृदय से धन्यवाद देना चाहते हैं कि प्रधानमंत्री ने 140 करोड़ की आबादी में 50 प्रतिशत हिस्से वाली मातृशक्ति को सच्चे अर्थों में सम्मानित करने का काम किया है।

एक-तिहाई स्थान देश की महिलाओं के लिए आरक्षित होगा
शाह ने कहा कि इस संविधान संशोधन के पारित होने के साथ ही लोक सभा और राज्यों की विधानसभाओं में एक-तिहाई स्थान देश की महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएगा। इस विधेयक के पास हो जाने के साथ ही महिलाओं की अपने अधिकारों के लिए चली आ रही एक लंबी लड़ाई का अंत हो जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने हाल ही में हुए जी-20 सम्मेलन में “Women-led Development” की परिकल्पना विश्व के सामने रखी और इस विधेयक के पारित होने के साथ ही नए युग की शुरूआत होगी, क्योंकि अब इस देश की महिलाएं न केवल नीतियों में भागीदार बनेंगी बल्कि नीतियों के निर्धारण में भी अपना योगदान देंगी।

मोदी सरकार के लिए महिला सशक्तिकरण मान्यता का मुद्दा
अमित शाह ने कहा कि कुछ दलों के लिए महिला सशक्तिकरण राजनीतिक ऐजेंडा हो सकता है लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार के लिए महिला सशक्तिकरण (women empowerment) मान्यता का मुद्दा है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि आज देश में महिला सशक्तिकरण हुआ है और सारी योजनाओं का पैसा सीधे महिलाओं के बैंक खातों में जा रहा है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल ने इस देश में 5 दशकों से अधिक शासन किया, देश में 11 करोड़ परिवार ऐसे थे जिनके पास शौचालय नहीं था। गरीबी हटाओं के नारे दिए गए, लेकिन गरीबों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहले 5 साल के अंदर ही 11 करोड़ 72 लाख बना दिए, जिनसे माताओं, बहनों और बेटियों का सम्मान और सशक्तिकरण हुआ।

10 करोड़ घरों में एलपीजी का मुफ्त कनेक्शन
उन्होंने कहा कि देश के 10 करोड़ परिवार धुएं में जीने को मजबूर थे, लेकिन मोदी जी ने 10 करोड़ घरों में एलपीजी का मुफ्त कनेक्शन देकर महिलाओं का सशक्तिकरण करने का काम किया है। नरेन्द्र मोदी जी की सरकार ने 3 करोड़ से अधिक महिलाओं को उनके नाम से घर देने का काम किया। शाह ने कहा कि देश के 12 करोड़ घर ऐसे थे जहां पीने का पानी नहीं था, मोदी ने 12 करोड़ घरों में नल से जल पहुंचाने का काम किया। उन्होंने कहा कि देश के 80 करोड़ लोगों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलो अनाज फ्री देने का काम मोदी ने की। प्रधानमंत्री ने 3 करोड़ 18 लाख सुकन्या समृद्धि खाते खोले, 3 करोड़ महिलाओं को मातृ वंदन योजना के तहत फायदा पहुंचाया और लगभग 26 सप्ताह का मातृत्व अवकाश देने का काम किया। शाह ने कहा कि दुनियाभर में आज महिला पायलट्स की संख्या 5 प्रतिशत है जबकि भारत में यह 15 प्रतिशत है, इसे सशक्तिकरण कहते हैं।

महिलाओं की प्रतिभागिता बढ़ाने के लिए महिला आरक्षण बिल
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि महिलाएं, पुरुषों से भी अधिक सशक्त हैं और इस विधेयक से अब डिसिज़न और पॉलिसी मेकिंग में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ये बिल समाज व्यवस्था की त्रुटि को सुधारने, महिलाओं की प्रतिभागिता बढ़ाने और उनका सम्मान करने के लिए लेकर आई है। उन्होंने कहा कि आज ये एक ऐसा मौका है जब इस सदन को पूरे विश्व को एक संदेश देने की ज़रूरत है कि मोदी जी की “Women-led Development” की कल्पना को पूरा करने के लिए पूरा सदन एकमत है।

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