भारतीय जनता पार्टी की निलंबित प्रवक्ता नुपूर शर्मा की मुश्किलें बढ़ रही हैं। महाराष्ट्र सहित कई प्रदेशों में उनके खिलाफ मुस्लिम धर्म के लोगों की भावनाओं को आहत करने का मामला दर्ज कराया गया है। सोशल मीडिया पर मिल रही धमकी को लेकर दिल्ली पुलिस ने कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
इस बीच गुजरात में उन पर एक करोड़ रुपए का इनाम रखा है। भीम सेना ने नुपूर शर्मा की जुबान काटने पर इस इनाम की घोषणा की है। वहीं सूरत की सड़कों पर कई पैंफलेट फेंके हुए पाए गए। उन पर नुपूर शर्मा के चेहरे पर जूतों और क्रॉस के निशान बनाए गए हैं।
एक करोड़ का इनाम
भीम सेना के प्रमुख नवाब सतपाल तंवर ने 8 जून को नुपूर शर्मा की जुबान काटने पर एक करोड़ रुपए इनाम देने की घोषणा की। इसके साथ ही उसने कानपुर हिंसा के लिए नुपूर शर्मा को जिमम्मेदार बताते हुए मुसलमानों का बचाव किया। उसने मोदी सरकार को घेरते हुए कहा कि मोदी सरकार के दबाव के कारण पुलिस नुपूर शर्मा को गिरफ्तार नहीं कर रही है।
अधिक खतरना हैं ऐसे लोग
इस फतवे के बाद भीम सेना के प्रमुख नवाब सतपाल तंवर के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई है, इस बारे में अभी तक जानकारी नहीं मिल पाई है। लेकिन सवाल यह भी उठ रहे हैं कि क्या इस तरह का फतवा जारी करना अपराध नहीं है, क्या यह कानून को अपने हाथ में लेकर खुद दोषी को सजा तय करना नहीं है? वास्तव में, ऐसे लोग नुपूर शर्मा से ज्यादा खतरनाक हैं। इन्हें देश के संविधान और कानून का कोई सम्मान नहीं है। वर्ना ये इस तरह की खुलेआम धमकी नहीं देते।
इस डच सांसद ने किया समर्थन
नुपूर शर्मा को धमकाने वाले और उनके खिलाफ मामला दर्ज कराने वालों की संख्या भले ही अधिक हो, लेकिन उनके समर्थन करने वाले लोग भी कम नहीं हैं। भारत ही नहीं, विदेशों से भी उन्हें पूरा समर्थन मिल रहा है। नीदरलैंड के सांसद ने 7 जून को नुपुर शर्मा का खुलकर समर्थन किया। डच सांसद और नीदरलैंड की पार्टी ऑफ फ्रीडम के नेता गर्ट वाइल्डर्स ने कहा कि मुझे हैरानी है कि भारतीय नेता नुपूर शर्मा के बयान को लेकर नाराज हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए भारत को माफी क्यों मांगनी चाहिए? भारतीयों को नुपूर शर्मा के बयान का समर्थन करना चाहिए और उनके बयान पर गर्व करना चाहिए।
तारिक फतेह ने बताया पाकिस्तान का प्रोपेगेंडा
पाकिस्तानी-कनाडाई लेखक तारिक फतेह ने कहा है कि नुपूर शर्मा के बयान का इस्तेमाल भारत के लिए प्रोपेगेंडा फैलाने हेतु किया जा रहा है। फतेह ने कहा कि ये जो तमाम मुस्लिम देश भारत की लोकतंत्र पर बयानबाजी कर रहे हैं, उनके यहां तो वोट का कोई कन्सेप्ट ही नहीं है। किसी देश में मंदिर बनाना मुमकिन नहीं है। सऊदी अरब को छोड़ दीजिए। आप पाकिस्तान को देख लीजिए, वहां तो मंदिर बचा ही नहीं है। एक महिला के बयान के जरिये भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलााया जा रहा है। कतर लेक्चर दे रहा है कि भारत को क्या करना चाहिए, आखिर वे चाहते क्या हैं, क्या भारत औरंगजेब के युग में चला जाए? भारत एक लोकतांत्रिक देश है।
नुपूर शर्मा के साथ कंगना
बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने भी नुपूर शर्मा का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि भारत इस्लामिक देश या अफगानिस्तान नहीं है। उन्हें अपने मन की बात कहने की पूरी आजादी है। उन्हें दी जा रही धमकियां मैंने देखी हैं। हिंदू देवी देवताओं को हर दिन अपमानित किया जाता है, तो हम न्यायालय में जाते हैं। यह अफगानिस्तान नहीं है।
अशोक पंडित ने कतर को कहा नमकहराम
फिल्म प्रोड्यूसर और अभिनेता अशोक पंडित ने ट्वीट कर नुपूर शर्मा को समर्थन दिया है। उन्होंने कतर और वहां के लोगों को नमकहराम बताते हुए उनकी आलोचना की है।
These #Islamic countries like Qatar giving sermons to India on @NupurSharmaBJP ‘s statement have forgotten that It’s India who saved their lives by sending them vaccinations when others had turned down their requests .
Thankless characters. #IsupportNupurSharma— Ashoke Pandit (@ashokepandit) June 7, 2022
केंद्रीय मंत्री नकवी ने पाकिस्तान को सुनाया
इनके साथ ही केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और तारिक फतेह दो ऐसे मुस्लिम चेहरे हैं, जो इस मुश्किल समय में मजबूती से नुपूर शर्मा के समर्थन में खड़े हैं। केंद्रीय मंत्री नकवी ने भी इसे पाकिस्तान का प्रोपेगेंडा बताते हुए कहा है कि भारत की अनेकता में एकता की ताकत को कमजोर नहीं किया जा सकता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जो लोग सेलेक्टिव मानवाधिकार की बात कर रहे हैं, वहां मानवाधिकार की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। वे अल्पसंख्यकों के खुलेआम कत्लेआम और जुर्म पर आंख बंद किए हुए हैं।
त्रिपुरा के पूर्व राज्यपाल नुपूर शर्मा के निलंबन से दुखी
त्रिपुरा के पूर्व राज्यपाल और भाजपा नेता तथागत रॉय ने भी नुपूर शर्मा के बयान का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि नुपूर शर्मा के निलंबन से मैं दुखी हूं। उन्होंने कहा कि मैं भाजपा को इसलिए समर्थन देता हूं क्योंकि यह विचार, धर्म, राजनीति और नेतृत्व के मामले में मेरे सबसे करीब है।