ओबामा का इस्लामी राग, पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने खोला राज! पीएम के दौरे में मानवाधिकार के आलापियों की खुली कलई

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बराक ओबामा

ओबामा को भारत के इस्लामी अधिकारों की अचानक चिंता होने लगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के बीच बराक ओबामा ने नरेंद्र मोदी सरकार पर बहुसंख्यकों की राजनीति करने का आरोप लगाया। ओबामा के इन आरोपों पर उन्हें भारत ही नहीं अमेरिका में भी मुंहतोड़ उत्तर मिल रहा है। जिसमें भारत की वित्त मंत्री, वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ और यूएस कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम के पूर्व आयुक्त जॉनी मूर का समावेश है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के समय अमेरिकी सरकार ने भारतीय प्रधानमंत्री के आतिथ्य के लिए कोई कमी नहीं छोड़ी। यह सब पाकिस्तानी समर्थकों और वामपंथी समूहों को पच नहीं रहा था, उन्होंने मानवाधिकार, अल्पसंख्यक के मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा में खलल खड़ा करने का प्रयत्न किया। इन भारत विरोधी लोगों को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा का भी समर्थन मिला। लेकिन, इस सबका करारा उत्तर अमेरिका में तो दिया ही गया भारत में भी कड़े शब्दों में दिया जा रहा है। वरिष्ठ प्रत्रकार पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने तो बराक ओबामा को अमिरेका में अश्वेतों की स्थिति बताते हुए औकात बता दी।

ओबामा ने चंद डॉलरों के लिए दिया बयान!
पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने कड़े शब्दों में बराक ओबामा को उत्तर दिया है। उन्होंने कहा कि, अमेरिका के
400 वर्षों के लोकतंत्र में बराक हुसैन ओबामा पहले अश्वेत राष्ट्रपति रहे हैं। जबकि, भारत में स्वतंत्रता प्राप्ति के पिछले 75 वर्षों में 4 मुसलमान राष्ट्रपति, 2 उप-राष्ट्रपति, 6 शिक्षामंत्री, कई मुख्यमंत्री, कई राज्यपाल,वायुसेना प्रमुख रहे हैं। यह सब उसके बाद हुआ है, जब भारतीय स्वतंत्रता काल के वर्ष 1947 में 10 लाख हिन्दुओं की लाशों पर भारत का बँटवारा हुआ था। बराक हुसैन ओबामा अपने गिरेबान में झाँक कर देखिये। क्या अपने कभी व्हाइट हाउस में नमाज पढ़ी थी, भारत में मुसलमान राष्ट्रपति के कार्यकाल में नमाज के लिए राष्ट्रपति भवन में विशेष व्यवस्था की गई थी। भारत में कुल जनसंख्या का 1.5, 2, 3 प्रतिशत जनसंख्या वाला अल्पसंख्यक भी रहता है, लेकिन कभी किसी को दिक्कत नहीं हुई। भारत को किसी सर्टिफिकेट की अवश्यकता नहीं है। इसलिए भारत ये मानता है कि आपने यह बयान चंद डॉलरों के लिए दिया है।

जिनके कार्यकाल में बमबारी हुई वे कर रहे टिप्पणी
भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति को करारा उत्तर दिया है। निर्मला सीतारमण ने कहा है कि, ‘जिनके राष्ट्रपति काल में सात मुस्लिम देशों पर बमबारी हुई, लगभग 28 हजार बम हमले किये गए। वह भारत पर टिप्पणी न करें।’

अमेरिका से मुंहतोड़ उत्तर
अमेरिका के यूएस कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम के पूर्व आयुक्त जॉनी मूर ने तो कहा है कि, ‘मुझे लगता है कि पूर्व राष्ट्रपति (बराक ओबामा) को भारत की आलोचना करने से ज्यादा भारत की सराहना करने में अपनी ऊर्जा खर्च करनी चाहिए। भारत मानव इतिहास में सबसे विविधता वाला देश है। यह एक आदर्श देश नहीं है, जैसे अमेरिका एक आदर्श देश नहीं है, उसकी विविधता ही उसकी शक्ति है। यहां तक ​​कि उस आलोचना में भी, राष्ट्रपति ओबामा पीएम मोदी की सराहना करने से खुद को नहीं रोक सके और उनके साथ कुछ समय बिताने के बाद, मैं निश्चित रूप से समझता हूं कि ऐसा क्यों है।’

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