बिहार (Bihar) में चुनाव (Elections) नजदीक आ रहे हैं और सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल हो रहे विपक्षी नेताओं (Opposition Leaders) के वीडियो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की छवि को निखार रहे हैं, जिससे न सिर्फ बीजेपी (BJP) बल्कि विपक्ष को भी आईना दिखाई दे रहा है। सोशल मीडिया अब ऐसा हथियार बन गया है जिससे कुछ भी छिपा नहीं रह सकता। फिर चाहे किसी का अपमान हो या सम्मान, सोशल मीडिया की चील की नज़र किसी से भी छुपी नहीं है। ऐसे में विपक्षी दल के कुछ नेताओं के वीडियो और ट्ववीट वायरल हो रहे है जो इंडी गठबंधन को आईना दिखाने का काम कर रहा है।
मोदी जानते हैं सोशल मीडिया का इस्तेमाल कैसे होगा
एक प्रतिष्ठित समाचार चैनल के साथ साक्षात्कार में, प्रियंका चतुर्वेदी ने पीएम मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा की। वह इस तथ्य से चकित थीं कि पीएम मोदी बहुत ही संवादशील व्यक्ति हैं। उन्होंने कहा कि वह एक ऐसे व्यक्ति हैं जो 24/7 संवाद करने में सक्षम हैं। उस समय जब हर प्रसारण मीडिया, समाचार चैनल और प्रिंट मीडिया उनके खिलाफ थे, उन्होंने सोशल मीडिया से जुड़ने का फैसला किया और अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। वह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के रूप में ट्विटर से जुड़ने वाले पहले व्यक्ति थे। वह ऐसी तस्वीरें भी चुनते हैं, जिनमें वह बहुत नियंत्रित होते हैं और नेता की तरह दिखते हैं। यह एक ऐसी नेतृत्व शैली है जिसे हर किसी को सीखना चाहिए।
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हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने पीएम मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा की है, यह पिछले साक्षात्कारों में भी देखा गया था जब उनसे पूछा गया था कि उनका पसंदीदा नेतृत्व कौन है और उन्होंने पीएम मोदी का नाम लिया था।
मुख से निकले मीठे बोल
हाल ही में, विपरीत खेमे की प्रशंसा करते हुए, केरल से आने वाले दिग्गज कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कोविड-19 महामारी के दौरान पीएम मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की वैक्सीन कूटनीति की सराहना की और इसे “अंतर्राष्ट्रीय नेतृत्व का एक शक्तिशाली उदाहरण” करार दिया।
अंग्रेजी पत्रिका द वीक के लिए लिखे गए एक कॉलम में, उन्होंने कहा, “कोविड महामारी के दौरान भारत की वैक्सीन कूटनीति उस समय की भयावहता के बीच जिम्मेदारी और एकजुटता में निहित अंतरराष्ट्रीय नेतृत्व का एक शक्तिशाली उदाहरण है। 100 से अधिक देशों को भारत में निर्मित टीके वितरित करके, भारत ने सबसे अधिक ज़रूरत पड़ने पर मदद का हाथ बढ़ाने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया।”
इससे पहले भी उन्हें रूस-यूक्रेन संघर्ष पर पीएम मोदी के युद्ध-विरोधी रुख की सराहना करते देखा गया था, जब भारतीय नेता ने वैश्विक मंचों पर कहा था कि “युद्ध के मैदान में शांति नहीं मिल सकती।”
इंडी गठबंधन को आड़े हाथ लेते मायावती
भारत में वक्फ बिल गर्म मुद्दा है और हर नेता ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। ऐसे में बीएसपी सुप्रीमो मायावती का एक ट्वीट काफी वायरल हुआ जिसमें उन्होंने इंडी गठबंधन से नाराजगी जताई और कड़े शब्दों का प्रयोग कर बिना नाम लिए राहुल गांधी को तंज कसा। उन्होंने लिखा, “वक्फ संशोधन बिल पर लोकसभा में हुई लंबी चर्चा में नेता प्रतिपक्ष द्वारा कुछ नहीं बोलना अर्थात सीएए की तरह संविधान उल्लंघन का मामला होने के विपक्ष के आरोप के बावजूद इनका चुप्पी साधे रहना क्या उचित? इसे लेकर मुस्लिम समाज में आक्रोश व इनके इंडी गठबंधन में भी बेचैनी स्वाभाविक।”
इतना ही नहीं उन्होंने अखिलेश यादव की सपा पार्टी पर भी निशाना साधा। दलितों तक सपा की पहुंच पर आरोप करते हुए उन्होंने “एक्स” पर लिखा, “दलितों के वोट पाने के लिए सपा किसी भी हद तक जा सकती है। इसलिए दलितों के साथ-साथ पिछड़े वर्ग और मुस्लिम समुदाय को भी इस पार्टी की राजनीतिक चालों का शिकार होने से बचना चाहिए।” दरसल ये बयान राणा सांगा को “देशद्रोही” कहने वाले सपा के दलित सांसद रामजी लाल सुमन पर कटाक्ष है।
दिल में रखी बात सामने आई
देर हो गई, दिल से निकले शब्द एक तरफ जहां कुछ नेता प्रधानमंत्री मोदी की उनके नेतृत्व की प्रशंसा कर रहे हैं, तो क्या इसका मतलब यह है कि उन्हें अपनी-अपनी पार्टियों में सच बोलने की आजादी नहीं है या फिर ये समझा जाएं की उन्हें डर है की कोई उन्हें पार्टी से निकल न दे। वजह जो भी हो दिल में छुपी बात जुबान तक आ ही जाती है। अब देखने वाली बात ये है की क्या ये सच्चाई बिहार में कमल खिलाएगी?
देखें यह वीडियो –
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