सत्र के 5वें दिन भी विपक्षी सांसदों का प्रदर्शन जारी,सत्ताधारी सासंदों पर लगाया यह आरोप

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संसद के शीतकालीन सत्र के पांचवें दिन 3 दिसंबर को भी राज्यसभा में 12 सांसदों के निलंबन को लेकर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों का प्रदर्शन जारी रहा। वहीं, सत्तापक्ष के सांसदों ने भी विपक्षी सदस्यों के लगातार विरोध के खिलाफ महात्मा गांधी की प्रतिमा के समीप प्रदर्शन किया। वहां पहले से ही प्रदर्शन कर रहे निलंबित विपक्षी सदस्यों और सत्तापक्ष के सदस्यों के बीच जमकर नारेबाजी हुई।

संसद भवन परिसर स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे कांग्रेस सहित विपक्षी दलों के नेताओं ने निलंबित सदस्यों का निलंबन वापस लेने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। वहीं, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने भी वहां जाकर निलंबित सांसदों के समर्थन में कांग्रेस और अन्य दलों के प्रदर्शन का विरोध किया।

अधीर रंजन चौधरी का आरोप
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने संवाददाताओं से बातचीत में सत्तारूढ़ सदस्यों के प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए कहा कि भाजपा के पास इस बात की समझ नहीं है कि क्या किया जाना चाहिए और क्या नहीं। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ दल के सदस्य केवल भाजपा नेतृत्व के निर्देशों का पालन करते हैं। चौधरी ने कहा कि महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे विपक्ष के विरोध करने के अधिकार का सत्तारूढ़ दल के सदस्यों ने विरोध किया है, यह सरासर तानाशाही है।

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उकसाने वाली कार्यवाहीः थरुर
कांग्रेस के नेता शशि थरूर ने विपक्षी दलों के प्रदर्शन के खिलाफ सत्तारूढ़ दल के सदस्यों के विरोध को उकसाने वाली कार्यवाही करार दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा सांसदों का यह व्यवहार जख्म पर नमक छिड़कने जैसा है। थरूर ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि मेरे साथी सांसदों को एक ऐसी पार्टी द्वारा अन्यायपूर्ण तरीके से निष्कासित किया गया है, जिसने व्यवधान को संस्थागत रूप दिया है।

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