विपक्षी एकता की अग्निपरीक्षा एक बार और होने जा रही है। राजस्थान में अगले कुछ महीने में विधानसभा चुनाव होने जा रहा है। इसे लेकर पहले से ही राजनीतिक गलियारों में चर्चा गरम थी, कि यहां आम आदमी कांग्रेस को झटका देकर विपक्षी एकता की हवा निकाल सकती है। वो चर्चा अब सही साबित होती दिख रही है।
दरअसल आम आदमी पार्टी ने घोषणा कर दी है कि वह राजस्थान की सभी 200 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इस महीने के अंत तक प्रत्याशियों की घोषणा भी हो जाएगी। यह कहना है आम आदमी पार्टी राजस्थान के प्रदेश सचिव विश्वेंद्र सिंह का।
कांग्रेस की गहलोत सरकार की खुलकर आलोचना
अलवर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए सिंह ने कहा कि राजस्थान सरकार एक तरफ तो बिजली का बिल माफ करने की बात कहती है तो दूसरी तरफ ग्रामीण एरिया में आज भी सभी विधानसभा में बिजली पूरे 24 घंटे नहीं दी जा रही है। छह घंटे बिजली का कट लग रहा है। ऐसे में किसान वर्ग को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
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बिजली कटौती बंद करने की मांग
प्रदेश सचिव विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि राजस्थान सरकार को इस तरह के कट को रोकना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी दिल्ली और पंजाब सहित गुजरात के पैटर्न पर राजस्थान में चुनाव लड़ेगी। साथ ही जो भी मूलभूत आवश्यकताएं है, उन्हें वह अगर चुनाव में जीतती है तो पूरा करेगी।
दोस्ती में कुश्ती
हाल ही में संसद के मॉनसून सत्र के दौरान दिल्ली सरकार के अधिकारों को लेकर अध्यादेश पारित होने के दौरान कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी का खुलकर साथ दिया था। इसके लिए आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस की प्रशंसा भी की थी, लेकिन चंद दिन बाद ही उनकी पार्टी ने राजस्थान में सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर कांग्रेस की टेंशन बढ़ा दी है।
कांग्रेस को नुकसान, भाजपा को लाभ
सच तो ये है कि राजस्थान तो झांकी है, अभी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा सहित तेलंगाना आदि प्रदेश बाकी हैं। इन प्रदेशों में आम आदमी पार्टी कांग्रेस को फुल टेंशन देगी। इसमें दोस्त कांग्रेस का भारी नुकसान होगा और भाजपा को लाभ।