किसान आंदोलन, भारत-चीन के बीच तनाव, कोराना संकट और देश की अर्थव्यस्था जैसे गंभीर मुद्दों के बीच 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी। उससे पहले सरकार सदन में आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत करेगी। इस बीच कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, जेके नेशनल कॉन्फ्रेंस, डीएमके, एटीटीसी, शिवसेना, समाजवादी पार्टी, आरजेडी, सीपीआई( एम) सीपीआई, एआईयूडीएफ, आरएसपी, पीडीपी, डीएमके, एमडीएमके, केरला कांग्रेस(एम) और एआईयूडीएफ ने संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण को बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ यह विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। इस बारे में इन पार्टियों ने संयुक्त रुप से बयान जारी किया है।
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Congress, NCP, J-K National Conference, DMK, AITC, Shiv Sena, Samajwadi Party, RJD, CPI (M), CPI, IUML, RSP, PDP, MDMK, Kerala Congress (M) and AIUDF will boycott the President's address in the Parliament tomorrow in protest against three farm laws, as per a joint statement
— ANI (@ANI) January 28, 2021
राष्ट्रपति के अभिभाषण की परंपरा
परंपरा के अनुसार वर्ष के पहले बजट सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति के अभिभाषण से होगी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद संसद के दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करेंगे। वे सरकार की भावी योजनाओं की रुपरेखा पेश करेंगे। ऐसा पहली बार होगा कि संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान भी सदस्य सेंट्रल हॉल के आलावा लोकसभा तथा राज्य सभा में बैठेंगे। सत्र के पहले ही दिन सरकार 2020-21 के लिए आर्थिक सर्वेक्षण भी संसद में पेश करेगी।
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दो भाग में बजट सत्र
बजट सत्र दो भागों में होगा, जिसमें पहला सत्र 15 फरवरी तक चलेगा, जबकि दूसरा सत्र 8 मार्च से लेकर 8 अप्रैल तक चलेगा। इस बीच विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में जुटा है। विपक्षी दलों ने इसके लिए अपनी मंशा भी जाहिर कर दी है। बता दें कि संसद का आगाज 29 जनवरी को होगा। कोरोना संक्रमण की वजह से संसद की कई परंपराओं से हटकर इस बार का नये प्रोटोकॉल के अनुसार बजट सत्र चलेगा।
खास मुद्दे
किसान आंदोलन
वर्तमान में किसानों का आंदोलन सबसे बड़ा मुद्दा है। मॉनसून सत्र में पारित किए गए तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ विपक्ष ने आक्रामक रुख अपनाने के साफ संकेत दिए हैं। कांग्रेस के लोकसभा सचेतक कोडिकुन्निल सुरेश ने पहले ही कह दिया है कि सरकार कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग नही मानती है तो संसद सत्र में किसानों के मुद्दे को कांग्रेस जोरदार तरीके से उठाएगी। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और शिवसेना के साथ ही कई अन्य विपक्षी पार्टियों ने भी कृषि कानूनों पर सरकार के विरोध करने का ऐलान कर दिया है।
वाट्सएप चैट्स लीक मामला
ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता के साथ रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी की वाट्सएप चैट को लेकर भी कांग्रेस काफी आक्रामक है। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसे देश की सुरक्षा से जुड़ा मामला बताते हुए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे। हालांकि सरकार ने इस बारे में अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है।
भारत चीन सीमा विवाद
कांग्रेस से लेकर समाजवादी पार्टी तक भारत चीन मुद्दे पर मोदी सरकार को देश की सुरक्षा करने में असफल बताती रही है। इसके साथ ही चीन द्वारा भारत की जमीन पर कब्जा जमाने का भी दावा करती रही है। इस हालत में विपक्ष इस मुद्दे पर हावी रहेगा।
अर्थव्यवस्था
कोरना काल में देश की अर्थव्यवस्था का भी बुरा हाल है। इस हाल में विपक्ष संसद में सरकार के खिलाफ हमलावर रह सकता है। इस काल में नौकरियों मे कटौती और बढ़ती बेरोजगारी बड़े मुद्दे हैं।