पद्मा सेतु पर दुष्प्रचार में जुटे पाक परस्त, भारत-बांग्लादेश के रिश्ते में ऐसे डाल रहे हैं दरार

ढाका से सिर्फ साढ़े तीन घंटे में कोलकाता जा सकते हैं। जल्द ही भारत के उत्तर-पूर्व के नागरिकों को भी इसका लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।

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भारत-बांग्लादेश के बीच बहुप्रतीक्षित पद्मा ब्रिज का उद्घाटन आखिरकार प्रधानमंत्री शेख हसीना के हाथों हो गया है। इसके जरिए यातायात भी शुरू हो गए हैं। अब पद्मा ब्रिज के उद्घाटन को लेकर भारत की कथित तौर पर अस्पष्ट प्रतिक्रिया को लेकर बांग्लादेश में मौजूद पाकिस्तान परस्तों ने भारत के खिलाफ दुष्प्रचार शुरू कर दिया है। हालांकि बांग्लादेश के प्रबुद्ध जनों ने इस साजिश से लोगों को सावधान रहने की भी नसीहत दी है।

यह ब्रिज कोलकाता को न केवल बांग्लादेश से बल्कि भारत के पूर्वी राज्यों से भी जोड़ने में बड़ी भूमिका निभाएगा। पद्मा ब्रिज रेल लिंक के शुरू होने से त्रिपुरा समेत पूर्वोत्तर के लोग महज पांच से छह घंटे में कोलकाता पहुंच सकेंगे। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने 25 जून को इसका उद्घाटन किया था।

यह है मामला
दुनिया भर के विभिन्न देशों के साथ भारत ने भी इस पर शुभकामनाएं भेजी थीं लेकिन भारत की शुभकामनाओं को नौकरशाहों ने उजागर नहीं किया, जिसकी वजह से बांग्लादेश में इस तरह से दुष्प्रचार फैल रहा है कि भारत चाहता नहीं है कि बांग्लादेश विकसित हो। इसे लेकर विशिष्ट जनों का कहना है कि नौकरशाही के अंदर भी ऐसे तत्व मौजूद हैं जो पाकिस्तान के इशारे पर भारत-बांग्लादेश के बीच जहर घोलने की साजिश रच रहे हैं। इनसे सावधान रहने की जरूरत है।

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इस दुष्प्रचार को लेकर बहुभाषी समाचार संस्था ने बांग्लादेश के रेल मंत्री मोहम्मद नूरुल इस्लाम सुजन, बांग्लादेश इस्लामी एक्य जोट के चेयरमैन मिस्बाहुर रहमान चौधरी और वर्ल्ड सूफी फोरम बांग्लादेश चैप्टर के अध्यक्ष शाजादा सैयद सैफुद्दीन अहमद अलहसानी वाल होसानी अल मैजभंडारी से बात की है।

भारत से खून का रिश्ता
बांग्लादेश इस्लामिक यूनिटी एलायंस के अध्यक्ष मिस्बाहुर रहमान चौधरी ने कहा, “हमारे स्वतंत्रता संग्राम में सहयोगी बने भारतीय सैनिकों ने अपनी शहादत देकर बांग्लादेश को आजाद कराया था। भारत के उस खून के रिश्ते में फूट डालने की साजिश के बारे में सोच कर भी दिल भर उठता है। पाकिस्तान समर्थक लोग लोगों के मन में भ्रम पैदा कर रहे हैं। यह पता लगाना जरूरी है कि भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची द्वारा पद्मा ब्रिज के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री को भेजे गए बधाई संदेश को बांग्लादेश की मीडिया में प्रचार क्यों नहीं मिला। उन्होंने आगे कहा कि चूंकि भारत का बधाई संदेश बांग्लादेश की मीडिया तक नहीं पहुंचा, इसलिए साजिशकर्ता राजनीतिक दलों और बांग्लादेश के नागरिकों को यह समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि भारत बांग्लादेश में सरकार बदलना चाहता है। उनके शब्दों में प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत दौरे से इन अफवाहों पर विराम लग जाएगा। हमें लगता है कि साजिशकर्ता भारत के खिलाफ साजिश रचकर और बांग्लादेश के राजनेताओं को फंसाकर इन अफवाहों को फैला रहे हैं।

भारत को सावधान रहने की जरुरत
सैफुद्दीन अहमद ने कहा कि भारतीय उच्चायुक्त ने पद्मा ब्रिज के उद्घाटन समारोह में हमारे प्रधानमंत्री को उनके साहसिक कार्य के लिए बधाई दी थी। इस मौके पर मौजूद विश्व बैंक समेत कई देशों के उच्चायुक्तों ने उन्हें बधाई दी। लेकिन भारत के बधाई संदेश को मीडिया में प्रचारित नहीं किया गया। पाक परस्त बांग्लादेश की लोकतांत्रिक सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए भारत-बांग्लादेश रिश्तों को कटु करने की साजिश रच रहे हैं। सुनने में आ रहा है कि बांग्लादेश के कुछ नागरिक दिल्ली जाकर सरकार के बारे में गलत जानकारी दे रहे हैं। वे दिल्ली में बांग्लादेश के राजनीतिक दलों के नेताओं को बुला रहे हैं और दीर्घकालिक कार्यवाहक सरकार का प्रस्ताव दे रहे हैं। वे महत्वपूर्ण भारतीय कंपनियों और व्यक्तियों के नाम का इस्तेमाल रहे हैं। भारत को इनसे सावधान रहने की जरूरत है।

दुष्प्रचार का कोई औचित्य नहीं
बांग्लादेश के रेल मंत्री नुरुल इस्लाम सुजन ने कहा कि पद्मा ब्रिज कोलकाता को न केवल बांग्लादेश बल्कि भारत के पूर्वी राज्यों से जोड़ने में एक प्रमुख भूमिका निभाएगा। पद्मा ब्रिज रेल लिंक के शुरू होने से त्रिपुरा समेत पूर्वोत्तर के नागरिक महज पांच से छह घंटे में रेल से कोलकाता पहुंच सकेंगे। ढाका से सिर्फ साढ़े तीन घंटे में  कोलकाता जा सकते हैं। जल्द ही भारत के उत्तर-पूर्व के नागरिकों को भी इसका लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। निश्चित तौर पर भारत सेतु के उद्घाटन से खुश है और इसके खिलाफ दुष्प्रचार का कोई औचित्य नहीं।

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