चीन के चंगुल में फंसकर कंगाली की कगार पर पहुंच गए ये देश! अब इन देशों पर डाल रहा है डोरे

चीन अब बांग्लादेश, म्यांमार सहित अपने देश की सीमा से जुड़े अन्य देशों पर भी डोरे डाल रहा है। इन देशों को उन देशों से सबक लेना चाहिए, जो उसकी दोस्ती के झूठे जाल में फंसकर कंगाली की कगार पर पहुंच गए हैं।

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चीन के जाल में फंसकर विश्व के कई देश कंगाली की राह पर आ गए हैं। अब स्थिति यह है कि वे न तो चीन से दूर जा पा रहे हैं और नहीं दूसरे देश से खुलकर मदद मांग पा रहे हैं। इस तरह के देशों में पाकिस्तान और श्रीलंका मुख्य रूप से शामिल हैं। इसके साथ ही नेपाल भी उसके चंगुल में काफी हद तक फंस चुका है। हालांकि केपी शर्मा ओली की सरकार जाने और शेर बहादुर देउबा के हाथ में कमान आने के बाद नेपाल की नीति में बदलाव दिख रहा है और उसकी भारत से संबंध सुधरते नजर आ रहे हैं। इस कड़ी में नेपाल के प्रधानमंत्री देउबा 2 मार्च से भारत के तीन दिवसीय दौरे पर हैं।

श्रीलंका
श्रीलंका आर्थिक रूप से काफी बदहाल हो गया है। चीन के कर्ज के जाल में फंसकर उसकी स्थिति बहुत ही खराब हो गई है। विदेश मुद्रा भंडारण खत्म होने की कगार पर है और ऐतिहासिक महंगाई ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। डॉलर के मुकाबले श्रीलंका की मुद्रा बुरी तरह टूट चुकी है और वह सबसे बड़े आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। स्थिति नहीं सुधरी तो वहां गृह युद्ध की आशंका है। इस स्थिति में आखिरकार भारत ही मानवीय आधार पर मदद के लिए आगे आ रहा है। इससे पहले भारत उसे 1 अरब डॉलर की मदद कर चुका है।

हिंसा पर उतारू हैं लोग
जनवरी 2022 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2.36 अरब डॉलर था। लगभग 2.2 करोड़ जनसंख्या वाले इस देश में पेट्रोल-डीजल सहित अन्य ईंधन की भारी किल्लत है और महंगाई सातवें आसमान पर है। इस कारण लोगों को दो समय की रोटी भी नहीं मिल पा रही है। लोग इतने गुस्से में हैं कि उन्होंने 31 मार्च की रात राष्ट्रपति गोटाभाया राजपक्षे के आवास को घेर लिया और उनके खिलाफ नारेबाजी कर इस्तीफे की मांग की। हिंसा पर उतर आए लोगों को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा। इस टकराव में 10 लोग घायल हुए हैं। भविष्य में इस तरह की घटनाएं गृह युद्ध का रूप धारण कर सकती है।

ऐतिहासिक आर्थिक संकट
दरअस्ल विदेशी मुद्रा भंडार खत्म हो जाने से वहां कई तरह की समस्याएं आ रही हैं। पेट्रोल-डीजल की किल्लत के साथ ही आर्थिक और खाद्य पदार्थों का संकट भी है। पिछले दिनों पेट्रोल के लिए लोग घंटों लाइन में खड़े थे। इस कारण दो लोगों की मौत हो गई थी। श्रीलंका दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गया है। उसकी समस्या यह भी है कि यह देश अपनी जरुरतों के लिए आयात पर निर्भर करता है। इनमें दवा भी शामिल है। दवाओं की कमी के कारण कई मरीजों के ऑपरेशन तक टाले जा रहे हैं।

100 रुपए में चाय, 2000 रुपए प्रति लीटर दूध
मिली जानकारी के अनुसार एक कप चाय जहां 100 रुपए में मिल रही है, तो वहीं दूध की कीमत 2000 रुपए प्रति लीटर हो गई है। मिर्च 700 रुपए, आलू 200 रुपए मिल रहा है। चीनी 290 रुपए तो चावल 500 रुपए किलो है, वहीं एक पैकेट ब्रेड की कीमत 150 रुपए तक पहुंच गई है। वहीं दूध का पाउडर 1,975 रुपए प्रति किलो हो गया है।

 घंटों बिजली गुल
बिजली संकट के साथ ही वहां पेट्रोल-डीजल का भी संकट पैदा हो गया है। पेट्रोल 303 रुपए तो डीजल 176 रुपए प्रति लीटर हो गया है। ये दाम श्रीलंकाई करेंसी मे हैं। यहां के रुपए की कीमत भी 46 प्रतिशत तक कम हो गई है। एक मार्च को 1 अमेरिकी डॉलर की कीमत 295 श्रीलंकाई रुपए थी। बिजली की क्या स्थिति है, उसके बारे में इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां 13-13 घंटे तक बिजली गुल हो रही है। पिछले दिनों वहां चार घंटे तक पेट्रोल लेने के लिए लाइन में खड़े दो लोगों की मौत हो गई थी।

पाकिस्तान

कहने को तो पाकिस्तान और चीन एक दूसरे के दोस्त हैं, लेकिन सच्चाई यही है कि चीन की चाल में फंसकर पाकिस्तान दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गया है। वह कभी चीन तो कभी रूस के सामने भीख मांगकर अपनी अर्थव्यवस्था को बचाने की कोशिश कर रहा है। इसी क्रम में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पिछले दिनों चार दिवसीय दौरे पर रूस गए थे। उन्हें उम्मीद थी कि उनका यह दोस्त उनकी मजबूरी को समझते हुए जरुर मदद करेगा, लेकिन ऐसा हो न सका। पहले से  ही चीन के कर्ज में डूबे पाकिस्तान को उसने खाली हाथ वापस भेज दिया।

कंगाल पाकिस्तान मांग रहा है मदद की भीख
इसी तरह यूक्रेन-रूस के बीच जारी जंग के बीच भी इमरान खान रूस के दौरे पर पहुंच गए। अब तक यूक्रेन का दोस्त समझे जाने वाला पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने इस दौरे से उनका असली चेहरा सामने आ गया। इससे भी बुरी बात तो यह है कि इतना सब होने के बावजूद उनको रूस से कुछ नहीं मिला और खाली हाथ वापस लौट आए। हद तो तब हो गई कि जब चारों ओर से निराश-हताश इमरान अब अपने ही घर में घिर गए हैं और अब उनके लिए अपनी कुर्सी बचाना भारी साबित हो रहा है।

 सातवें आसमान पर महंगाई
चीन के चंगुल में फंसे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पूरी तरह चौपट हो चुकी है और श्रीलंका की तरह ही महंगाई छलांग लगाकर सातवें आसमान पर जा बैठी है। दूध और साग सब्जियों से लेकर खाने-पीने की हर चीज के दाम आम आदमी की पहुंच से दूर होते जा रहे हैं।

दोस्ती पड़ रही है महंगी
समस्या यह है कि वर्तमान में पाकिस्तान चीन पर पूरी तरह निर्भर हो गया है। जैसे-जैसे उसकी चीन पर निर्भरता बढ़ रही है, बीजींग उसे इस्तेमाल करने की अपनी नीति पर अमल करने में जुटा हुआ है। चीन से दोस्ती साबित करने के चक्कर में पाकिस्तान पूरी दुनिया से दुश्मनी लेने से भी गुरेज नहीं कर रहा है। लेकिन उसे यह नहीं मालूम है कि एक बार मतलब निकल जाने के बाद चीन उसका क्या हाल करेगा। उसके बाद वह न घर का रहेगा और न घाट का। इस स्थिति में केवल अपने लिए ही नहीं, आने वाली पीढ़ियों के लिए भी वह मुसीबतें खड़ी कर रहा है।

बच गया नेपाल
केपी शर्मा ओली के प्रधानमंत्री रहते हुए जहां नेपाल के भारत से संबंध बिगड़ते चले गए, वहीं चीन से उसकी करीबी बढ़ती चली गई। हालांकि इससे भारत को कोई अधिक नुकसान नहीं हुआ, लेकिन नेपाल आज तक चालबाज चीन से दोस्ती का खमियाजा भुगत रहा है। हालांकि उसकी अर्थव्यवस्था पाकिस्तान और श्रीलंका की तुलना में बहतर है, लेकिन अन्य कई मामलों में उसे चीन से दोस्ती का खमियाजा भुगतना पड़ रहा है।

दोस्ती की आड़ में सीमा पर अतिक्रमण
नेपाल और चीन के बीच की सीमा हिमालय पवर्त से करीब 1,400 किलोमीटर लगा हुआ है। हालांकि दुर्गम इलाका होने के कारण सीमा को अच्छी तरह समझना मुश्किल है। जब चीन-नेपाल की दोस्ती चरम पर थी तो नेपाल की जमीन हड़पने की खबरें सुर्खियों में थीं। बताया जाता है कि चीन ने नेपाल के इलाके में कई इमारतों का निर्माण किया है। इसकी सच्चाई पता करने के लिए नेपाल सरकार ने हुमला जिले में टास्कफोर्स भेजने का फैसला किया था। इसमें पुलिस और सरकार के प्रतिनिधि शामिल थे।

टास्कफोर्स की रिपोर्ट
टास्कफोर्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि चीनी सुरक्षाबलों ने नेपाली क्षेत्र में धार्मिक गतिविधियां बंद कर दील हैं। इस इलाक का नाम लालुंगजोंग है। यह क्षेत्र पारंपरिक रुप से तीर्थयात्रियों के आकर्षण का केंद्र है। यह हिंदुओं के साथ ही बौद्धों को लिए भी पवित्र स्थल है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि चीन नेपाली चारागाह पर अतिक्रमण कर रहा है।
इसके साथ ही चीन द्वारा अवैध रूप से सड़क और बाड़ बनाने की भी बात कही गई थी। हालांकि टास्कफोर्स की रिपोर्ट के अनुसार जिन इमारतो की बात कही जा रही था, वे चीन के ही क्षेत्र में बनाई गई थीं।

 सदियों से भारत से मधुर संबंध
नेपाल के लिए अच्छी बात यह है कि भारत के साथ उसके रोटी-बेटी के संबंध रहे हैं। दोनों देशों के बीच सदियों पुराने संबंध होने के कारण और वहां हिंदुओं की बहुलता के कारण संबंध अधिक मजबूत हैं। यहां तक कि दोनों देशों की सीमा भी खुली हुई है और नागरिकों के एक देश से दूसरे देश में आने-जाने में कोई परेशानी नहीं है।

अब इन देशों पर डाल रहा है डोरे
चीन अब बांग्लादेश, म्यांमार सहित अपने देश की सीमा से जुड़े अन्य देशों पर भी डोरे डाल रहा है। इन देशों में अफगानिस्तान आदि भी शामिल हैं। उन्हें वह आर्थिक मदद का प्रलोभन दे रहा है। इस स्थिति में इन देशों को श्रीलंका, पाकिस्तान और नेपाल से सबक लेने की जरुरत है। एक बार चीन के चंगुल में फंसने के बाद उनकी स्थिति इन देशों की तरह भी होने से कोई रोक नहीं सकेगा।

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