Parliament Winter Session: तमिलनाडु में हिंदी विरोध पर निर्मला सीतारमण का बड़ा बयान, ” …जहां हिंदी पढ़ना गुनाह है”

यह बयान कुछ विपक्षी सदस्यों द्वारा उनकी हिंदी को लेकर उन्हें घेरने की कोशिश के बाद आया है।

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Parliament Winter Session: वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने 3 दिसंबर (मंगलवार) को संसद (Parliament) में बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 Banking Laws (Amendment) Bill, 2024 पर जवाब देते हुए उन घटनाओं को याद किया जब तमिलनाडु (Tamil Nadu) की सड़कों पर उनका मजाक उड़ाया गया था।

तमिलनाडु में एक छात्रा के रूप में हिंदी सीखने की अनुमति नहीं दिए जाने पर दुख व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी हिंदी इतनी अच्छी नहीं है क्योंकि उनके राज्य ने उन्हें भाषा सीखने की अनुमति नहीं दी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तमिलनाडु में हिंदी सीखने के लिए उनका मजाक उड़ाया गया। यह बयान कुछ विपक्षी सदस्यों द्वारा उनकी हिंदी को लेकर उन्हें घेरने की कोशिश के बाद आया है।

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हिंदी सीखने में क्या बुराई है?
लोकसभा में बोलते हुए सीतारमण ने कहा, “मैं तमिलनाडु में अपने अनुभव से बोल रही हूं, जब मैं स्कूल के अलावा हिंदी सीखने गई थी, तो मुझे सड़कों पर मज़ाक उड़ाया गया था। और मेरा मज़ाक उड़ाया गया – ओह, तुम हिंदी सीखना चाहते हो। तुम तमिलनाडु में रहते हो… और तुम हिंदी सीखना चाहते हो, जो उत्तर भारत की भाषा है। ये शब्द मेरे कानों में गूंज रहे हैं… हिंदी और संस्कृत सीखना किसी अन्य विदेशी भाषा को सीखने के समान माना जाता है और जो शब्द वे लोग इस्तेमाल करते हैं, वे इस भूमि पर आकर बसे हैं। क्या तमिलनाडु भारत का हिस्सा नहीं है। तो मेरे हिंदी सीखने में क्या बुराई है।”

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मुझे ‘वंधेरी’ कहा जाता था: सीतारमण
मदुरै में जन्मी सीतारमण ने दुख जताया कि उन्हें ‘वंधेरी’ (एक तमिल शब्द जिसका अर्थ नकारात्मक अर्थ में बाहरी होता है) कहा जाता था। उन्होंने याद किया, “वे हमें वंधेरी कहते थे। क्या यह वहां की राजनीतिक रणनीति का हिस्सा नहीं है?” मंत्री ने कहा कि उन्हें अपनी पसंद की भाषा सीखने के “मौलिक अधिकार” से वंचित किया गया। सीतारमण ने पूछा, “मैंने तमिलनाडु में हिंदी न सीखने के लिए मुझ पर दबाव डालने का अनुभव किया है। क्या यह मुझ पर थोपा जाना नहीं है?”

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