Parliament Winter Session: राजनाथ ने कांग्रेस पर कसा तंज, कहा ‘संविधान किसी एक पार्टी की देन…’

राजनाथ सिंह ने कहा कि संविधान सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक जीवन के सभी पहलुओं को छूकर राष्ट्र निर्माण का मार्ग प्रशस्त करता है।

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Parliament Winter Session: रक्षा मंत्री (Defence Minister) राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने 13 दिसंबर (शुक्रवार) को लोकसभा (Lok Sabha) में संविधान पर बहस (debate on Constitution) की शुरुआत की और कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ‘संविधान (Constitution), किसी एक पार्टी की देन नहीं है।’

रक्षा मंत्री ने कहा, “संविधान निर्माण के काम को हमेशा एक खास पार्टी द्वारा हाईजैक करने की कोशिश की जाती रही है…आज मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि हमारा संविधान किसी एक पार्टी की देन नहीं है।” “हम भारत के लोगों ने 26 नवंबर 1949 को संविधान को अपनाया था…मैं संविधान को अपनाने के 75 साल पूरे होने के अवसर पर इस सदन और देश के सभी नागरिकों को हार्दिक बधाई देता हूं…मैं कह सकता हूं कि हमारा संविधान सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक जीवन के सभी पहलुओं को छूकर राष्ट्र निर्माण का मार्ग प्रशस्त करता है…”

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भारत के मूल्यों के अनुरूप
उन्होंने कहा, “भारत का संविधान भारत के लोगों द्वारा, भारत के मूल्यों के अनुरूप बनाया गया है…प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की भावना के साथ काम कर रही है, हमारी सरकार भारत के संविधान में लिखे धर्म के अनुरूप काम कर रही है। हमारा संविधान प्रगतिशील, समावेशी, परिवर्तनकारी है…यह हमारा देश है जहां एक गरीब परिवार में जन्मा व्यक्ति भी देश का प्रधानमंत्री बन सकता है और वह देश का राष्ट्रपति भी बन सकता है…”

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“सरकार भारत के संविधान में लिखे धर्म के अनुरूप काम कर रही है।”
रक्षा मंत्री ने आगे कहा, “कई उत्तर औपनिवेशिक लोकतंत्र और उनके संविधान लंबे समय तक नहीं टिके। लेकिन भारतीय संविधान, तमाम चुनौतियों के बावजूद, अपनी मूल भावना को खोए बिना दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। हम सभी संविधान के संरक्षक और व्याख्याता के रूप में सर्वोच्च न्यायालय की भूमिका को स्वीकार करते हैं। आज संविधान की रक्षा की बात हो रही है। यह हम सभी का कर्तव्य है। लेकिन हमें यह भी समझना होगा कि किसने संविधान का सम्मान किया है और किसने इसका अनादर किया है…”

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