Parliament Winter Session: संसद (Parliament) में लम्बे गतिरोध के बाद संबिधान पर चर्चा (discussion on Constitution) पर बोलने नेता प्रतिपक्ष (Leader of Opposition) और कांग्रेस सांसद (Congress MP) राहुल गांधी (Rahul Gandhi) उठे। हर बार की तरह इस बार भी स्वातंत्र्यवीर सावरकर (Swatantryaveer Savarkar) को निशाना बनाते हुए एक अपमानजनक और विवादित टिप्पणी की, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रतिष्ठित स्वतंत्रता सेनानी पर भारतीय संविधान का विरोध करने का आरोप लगाकर राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया।
शिवसेना (Shiv Sena) से महाराष्ट्र (Maharashtra) के कल्याण सांसद (Kalyan MP) श्रीकांत शिंदे (Shrikant Shinde) ने जवाब देने में कोई कसार नहीं छोड़ी, उन्होंने राहुल गांधी की दादी, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लिखे गए एक पत्र को कोट किया, जिसमें उन्होंने राष्ट्र के लिए स्वातंत्र्यवीर सावरकर के योगदान की प्रशंसा की थी।
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राहुल गांधी का सावरकर पर विवादित बोल
राहुल गांधी ने स्वातंत्र्यवीर सावरकर के लेखन को कोट करते हुए दावा किया कि वे संविधान विरोधी रुख को दर्शाते हैं। राहुल के अनुसार, वीर सावरकर ने लिखा था कि “संविधान की सबसे बुरी बात यह है कि इसमें कुछ भी भारतीय नहीं है” और तर्क दिया कि भारत को मनुस्मृति के सिद्धांतों द्वारा शासित होना चाहिए। राहुल ने सावरकर पर प्राचीन धर्मग्रंथों पर आधारित “हिंदू राष्ट्र” की वकालत करने का आरोप लगाया।
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श्रीकांत शिंदे ने याद दिलाई दादी
शिवसेना से महाराष्ट्र के कल्याण सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे ने स्वातंत्र्यवीर सावरकर का बचाव करते हुए राहुल गांधी पर लगातार एक राष्ट्रीय प्रतीक का अनादर करने का आरोप लगाया। शिंदे ने राहुल गांधी की टिप्पणियों को निराधार बताया और सवाल किया कि क्या राहुल ने सावरकर के जीवन और बलिदान का अध्ययन भी किया है। राहुल के रुख में पाखंड को उजागर करने के लिए शिंदे ने 1980 में पूर्व प्रधानमंत्री और राहुल गाँधी की दादी इंदिरा गांधी द्वारा लिखे गए एक पत्र का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने स्वातंत्र्यवीर सावरकर की प्रशंसा “भारत के असाधारण पुत्र” के रूप में की थी और उनकी जयंती मनाने की योजना का समर्थन किया था। इंदिरा
गांधी के पत्र का हवाला देते हुए शिंदे ने कहा, “मैं कामना करती हूं कि भारत के इस महान पुत्र की याद में मनाए जाने वाले समारोह सफल हों।” शिंदे ने तर्क दिया कि अगर इंदिरा गांधी, जो खुद एक कांग्रेस नेता थीं, सावरकर के योगदान को पहचान सकती हैं, तो राहुल गांधी की उनकी लगातार आलोचना राजनीति से प्रेरित है। शिंदे ने यह भी बताया कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान वीर सावरकर की कैद और बलिदान अद्वितीय हैं, उन्होंने राहुल के दावों को न केवल सावरकर के प्रति बल्कि देशभक्ति और बलिदान के मूल्यों के प्रति भी अपमानजनक बताया।
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