मध्य प्रदेश और राजस्थान की तरह कर्नाटक में भी राजनैतिक संकट के संकेत मिल रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को हटाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी के भीतर से ही इस तरह की मांग जोर पकड़ने की चर्चा गरम होने के बाद कर्नाटक में राजनैतिक संकट बढ़ने की आशंका व्यक्त की जा रही है।
सीएम येदियुरप्पा के खिलाफ खोला मोर्चा
दरअस्ल बीजेपी के विधायक बसनगौड़ा पी. यतनाल ने मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने दावा किया है कि उनसे पार्टी के वरिष्ठ नेता नाराज हैं और कर्नाटक में जल्द ही नेतृत्व परविर्तन करना चाहते हैं। मिली जानकारी के अनुसार बासनगौड़ा ने कहा है कि वर्तमान सीएम येदियुरप्पा को जल्द बदला जाएगा, क्योंकि उनसे पार्टी के वरिष्ठ नेता खुश नहीं हैं। उन्होंने दावा किया कि पीएम मोदी खुद उनसे नाराज हैं।
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उत्तर कर्नाटक से मुख्यमंत्री बनाने की मांग
बसनगौड़ा पी. यतनाल ने मांग करते हुए कहा कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री उत्तरी कर्नाटक से होना चाहिए क्योंकि येदियुरप्पा उत्तरी कर्नाटक की वजह से ही सीएम बने। उत्तरी कर्नाटक से बीजेपी के 100 विधायक हैं।
बढ़ती उम्र की वजह से नेतृ्त्व परिवर्तन की मांग
सीएम बीएस येदियुरप्पा को लेकर पिछले दिनों खबरें आई थीं कि उनकी उम्र(78) को देखते हुए पार्टी कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन करना चाहती है। लेकिन बाद में पार्टी की ओर से इस बात का खंडन कर दिया गया था। इन अटकलों की शुरुआत तब हुई थी, जब 78 वर्षीय येदियुरप्पा दिल्ली गए थे और उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी समेत पार्टी के अन्य बड़े नेताओं से मुलाकात की थी। उनमें पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शामिल थे।
बाढ़ और कोरोना संक्रमण से निपटने में फेल रहने का आरोप
दरअस्ल कर्नाटक इन दिनों बाढ़ की चपेट में हैं और कहा जा रहा है कि येदियुरप्पा इस आपदा से निपटने में अक्षम साबित हो रहे हैं। इस कारण वे राजनैतिक पार्टियों के भी निशाने पर हैं। इसके आलावा कोरोना संक्रमण से निपटने में भी उनकी भूमिका की आलोचना की जा रही है और नेतृत्व परिवर्तन की खबर को हवा मिल रही है।
राजस्थान की कांग्रेस सरकार में गहरा गया था रीजनैतिक संकट
हाल ही में राजस्थान में इसी तरह का राजनैतिक संकट पैदा हो गया था। वहां की सत्तासीन पार्टी कांग्रेस में अंदरुनी कलह के बाद सीएम अशोक गहलोत को हटाने की मुहिम तेज हो गई थी। इसमें विरोधी गुट का नेतृत्व पार्टी के ही तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने किया था। बाद में यह मामला पार्टी हाईकमान के पास पहुंच गया था और उसके हस्तक्षेप के बाद सीएम गहलोत की कुर्सी सलामत रही।
मध्य प्रदेश में तख्ता पलट
मध्य प्रदेश में भी इसी तरह की राजनैतिक उथल-पुथल देखने को मिली थी। कांग्रेस को सत्ता गंवानी पड़ी थी और कमलनाथ की सीएम की कुर्सी सरक गई तथा फिर से बीजेपी ने सरकार बनाने में सफलता पाई थी। फिलहाल एमपी में बीजेपी की सरकार है और शिवराज सिह चौहान वहां के मुख्यमंत्री हैं।