राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू की जीत राजनीति गलियारे में लगभग तय मानी जा रही है लेकिन बिहार में विपक्ष इसे मानने को तैयार नहीं है। इसलिए प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी लगातार बयान दे रहे हैं। विपक्ष द्रौपदी मुर्मू को मोदी सरकार की कठपुतली के रूप में देख रहा है।
संजय जायसवाल ने तेजस्वी यादव के बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि ‘एक आदिवासी महिला जो सर्वश्रेष्ठ विधायक का पुरस्कार जीत चुकी हो वह तेजस्वी यादव को मूर्ति नजर आती है और अपने घर की महिला जिसे शपथ ग्रहण कराने के लिए किसी और को शब्द पढ़ना पड़े तो वह विद्वान! अनुसूचित जाति, जनजाति के विद्वान राष्ट्रपति भी बन जाए तो भी उनका अपमान।’
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भाजपा प्रवक्ता अरविन्द सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव के बयान से साफ हो गया है कि आदिवासी, महिला और पिछड़ों के लिए उनके मन में क्या भाव है। जो आदमी खुद अपने लिखित भाषण को नहीं पढ़ सके, उनको इस तरह की बात नहीं करना चाहिए। लालू परिवार के शिक्षा और विद्वता के बारे में पूरे बिहार हो पता है। राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू राज्यपाल रह चुकी हैं। तेजस्वी यादव का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है।
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