क्या बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राजनैतिक महत्वकांक्षा एक बार फिर जोर मारने लगी है? यह सवाल इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि 1 अगस्त को शिक्षक भर्ती घोटाले में 10 साल जेल की सजा काटकर हाल ही में जेल से बाहर आए हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इंडियन नेशनल लोक दल नेता ओमप्रकाश चौटाला के साथ लंच डिप्लोमेसी के बाद उन्होंने पेगासस जासूसी कांड में भी विपक्ष के सुर में सुर मिलाया है। इससे पहले उनके खास माने जाने वाले जनता दल यूनाइटेड संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार को पीएम मैटरियल बताया था।
पिछले चंद दिनों में घटी इन राजनैतिक गतिविधियों को देखते हुए भाजपा को सावधान रहने की जरुरत है। बिहार में भाजपा की बदौलत सरकार चला रहे नीतीश कुमार की इस तरह की गतिविधियां किसी बड़े राजनैतिक बदलाव के संकेत हो सकते हैं।
ओमप्रकाश चौटाला के साथ किया लंच
बता दें कि 1 अगस्त को नीतीश कुमार ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के साथ लंच किया था और बंद कमरे में करीब दो घंटे तक दोनों के बीच बातचीत हुई थी। इस दौरान चौटाला ने भाजपा के खिलाफ तीसरे मोर्चे के गठन की बात कही है। यही नहीं, चौटाला यह भी चाहते हैं कि तीसरे मोर्चे का नेतृत्व नीतीश कुमार करें। इस लंच डिप्लोमेसी के दौरान जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी भी उपस्थित थे।
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पेगासस जासूसी कांड में मिलाया विपक्ष के सुर में सुर
दरअस्ल पेगासस जासूसी कांड में नीतीश कुमार ने विपक्ष की मांग का समर्थन करते हुए कहा है कि पेगासस मामले की निश्चित तौर पर जांच की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम टेलीफोन टैपिंग मामले के बारे में कई दिनों से सुन रहे हैं। ऐसे में इसकी जांच जरुरी है। 2 अगस्त को जनता दरबार खत्म होने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए नीतीश कुमार ने यह बात कही।
संसद में बहस के साथ जांच भी जरुरी
नीतीश कुमार ने कहा कि लगातार इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं। इस स्थिति में इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मामले की जांच के बाद लोगों की शंकाएं दूर हो जाएंगी। सीएम ने कहा कि संसद में इसे लेकर रोज हंगामा हो रहा है। समाचार पत्रों में हर दिन इस बारे में खबरे आ रही हैं। लेकिन इस बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं है। लोग किस तरह दूसरों की बातचीत सुन रहे हैं, इसकी जांच होनी चाहिए।
ताकि सच्चाई सामने आ सके
नीतीश कुमार ने कहा कि संसद में पेगासस जासूसी कांड पर बहस भी होनी चाहिए और जांच भी होनी चाहिए। सीएम ने कहा कि जब लोग इतने दिनों से संसद में मुद्दा उठा रहे हैं, तो इसकी जांच होनी चाहिए, ताकि सच्चाई सामने आ सके।नीतीश कुमार के इस तरह के बयान से विपक्ष का मनोबल बढ़ सकता है और वह मोदी सरकार के खिलाफ ज्यादा आक्रामक रुख अपना सकता है।