यूपी के कन्नौज के इत्र कारोबारी और समाजवादी पार्टी के एमलसी पुष्पराज जैन उर्फ पंपी की परेशानियां बढ़ती दिख रही हैं। टैक्स चोरी के मामले में चार दिनों तक उनके कई ठिकानों पर छापेमारी के बाद 3 जनवरी को उन्हें आयकर विभाग ने गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल उनसे पूछताछ जारी है। इस पूछताछ में कई राज सामने आने की संभावना है।
पंपी के काले धन में और कौन-कौन लोग हिस्सेदार हैं, इस पर से पर्दा उठाने की आयकर विभाग की कोशिश जारी है। सपा प्रमुख के करीबी पुष्पराज जैन के पास के टैक्स चोरी के पैसे से क्या अखिलेश यादव का भी कोई लेना-देना है। इसे लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं।
चार दिन से जारी है छापेमारी
पिछले चार दिनों से जैन उर्फ पंपी के कन्नौज स्थित आवास के साथ ही कई ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। उन्हें कन्नौज से गिरफ्तार करने के बाद कानपुर लाया गया है, जहां उनसे आयकर विभाग के अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं।
पुष्पराज जैन के भाई से भी पूछताछ
प्राप्त जानकारी के अनुसार आयकर अधिकारी पुष्पराज जैन के कानपुर में रानी घाट चौराहे पर स्थित आवास रतन प्रेसिडेंसी आवास लेकर पहुंचे हैं। उनके साथ ही उनके भाई अतुल जैन से भी पूछताछ की जा रही है। साथ ही आयकर विभाग की छापेमारी भी जारी है। अब तक की जांच में आयकर विभाग को पंपी के 10 करोड़ रुपए की फर्जी खीरद के बिल और 10 करोड़ की फर्जी एंट्री के दस्तावेज मिले हैं। इन दस्तावेजों की जांच जारी है। इससे पहले मिडिल ईस्ट से लगभग 40 करोड़ रुपए के निवेश के कागजात पाए गए थे।
इन ठिकानों पर छापेमारी
आयकर विभाग ने पंपी के साथ ही मलिक ग्रुप के कानपुर, लखनऊ, दिल्ली, मुंबई और हाथरस के 35 ठिकानों पर छापेमारी की है। फिलहाल कानपुर और लखनऊ सहित 23 परिसरों की जांच हो गई है तथा अभी भी 12 ठिकानो पर जांच जारी है।