PM Modi in Guyana: प्रधानमंत्री (Prime Minister) नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के दक्षिणी अफ्रीका (Southern Africa) के देश गुयाना (Guyana) की राजकीय यात्रा के दौरान भारत (India) और गुयाना ने 10 महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर (10 important agreements signed) किए हैं। इसके साथ ही ऊर्जा के क्षेत्र (energy sector) में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने इससे पहले रूस के साथ कच्चे तेल की आपूर्ति को लेकर बड़ा समझौता किया था।
भारत और गुयाना के बीच सबसे अहम समझौता हाइड्रोकार्बन के क्षेत्र में हुआ है। जिसमें कच्चे तेल की आपूर्ति, प्राकृतिक गैस आदि शामिल हैं।बुनियादी ढांचे के विकास और क्षमता निर्माण के सहयोग पर भी सहमति बन गई। यह समझौता भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करेगा।
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दक्षिण अफ्रीका के देश गुयाना में ऊर्जा क्षेत्र में अपार संभावनाएं
दक्षिण अफ्रीका के देश गुयाना में ऊर्जा की अपार संभावनाएं है खासकर कोयला आधारित ऊर्जा से गुयाना की 70 फ़ीसदी उर्जा की आपूर्ति होती है। भारत ने ऊर्जा की बढ़ती मांग और आपूर्ति के अंतर को कम करने के लिए गुयाना से समझौते किए हैं। भारत हमेशा वैकल्पिक ऊर्जा को बढ़ाने के लिए विश्व मंच पर अपनी बात कहता रहा है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्यों चुना गुयाना देश को?
दक्षिण अफ्रीका देश गुयाना की 40 फीसदी आबादी भारतीय मूल की है गुयाना की आठ लाख आबादी में भारतीय मूल के लोग सबसे बड़ा जातीय समूह है। गुयाना में करीब तीस फीसदी आबादी अफ्रीकियों की है। कहते हैं 186 साल पहले बंधुआ मजदूरों के तौर पर भारतीयों को गुयाना ले जाया गया था। 5 मई 1838 को भारतीयों की पहली खेप गुयाना गई थी। इसलिए दक्षिण अफ्रीका के इस देश में 5 मई को भारत आगमन दिवस मनाया जाता है।
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