देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ वर्ष 2020 के अंतिम एपिसोड में कई मुद्दों पर बात की। उन्होंने गुरू तेग बहादुर जी और गुरु गोविंद सिंह जी को नमन किया। पीएम ने कार्यक्रम में आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने की बात कही। प्रधानमंत्री का यह मासिक रेडियो कार्यक्रम है, जो हर महीने के आखिरी रविवार को प्रसारित किया जाता है।
We pay tributes to the brave Chaar Sahibzaade, we remember Mata Gujri, we recall the greatness of Sri Guru Tegh Bahadur Ji, Sri Guru Gobind Singh Ji.
We remain indebted to these greats for their sacrifices and their spirit of compassion. #MannKiBaat pic.twitter.com/p6jFejyBtl
— PMO India (@PMOIndia) December 27, 2020
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पेश हैं, महत्वपूर्ण बातेंः
- देश में नया सामर्थ्य पैदा हुआ है, इस नये सामर्थ्य का नाम आत्मनिर्भरता है।
- कश्मीरी केसर पूरी दुनिया में एक ऐसे मसाले के रुप में मशहूर है, जिसके कई प्रकार के औषधीय गुण हैं। यह अत्यंत सुगंधित होता है और इसका रंग गाढ़ा होता है।
- गीता की तरह हमारी संस्कृति में जितना भी ज्ञान है, सब जिज्ञासा से ही शुरू होता है। वेदांत का तो पहल मंत्र ‘अथातो ब्रह्म जिज्ञासा’ अर्थात आओ हम ब्रह्म की जिज्ञासा करें। इसलिए हमारे यहां ब्रह्म के भी अन्वेषण की बात कही गई है। जिज्ञासा में बड़ी ताकत है।
- देश के सम्मान में सामान्य लोगों ने इस बदलाव को महसूस किया है। मैं देश में आशा की एक अद्भुत प्रवाह भी देखा है। चुनौतियां खूब आईं, संकट भी अनके आए। कोरोना के कारण दुनिया में सप्लाई चेन को लेकर अनेक बाधाएं भी आईं, लेकिन हमने सभी संकटों से नये सबक लिए।
- कोरोना के कारण आपूर्ति श्रृंखला दुनिया भर में बाधित हो गई, लेकिन हमने प्रत्येक संकट से नये सबक सीखे। राष्ट्र ने नई क्षमताओं को भी विकसित किया है।
- भारत में तेंदुओं की संख्या में 2014 से 18 के बीच 60 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। देश के अधिकतर राज्यों में विशेषकर मध्य भारत में तेंदुओ की संख्या बढ़ी है। इन राज्यों में मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक सबसे आगे हैं।
- आज के दिन गुरू गोविंद जी के पुत्रों साहिबजादे जोरावर सिंह और फतेह सिंह को दीवार में जिंदा चुनवा दिया गया था। हमारे साबिबजादे ने कम उम्र में भी गजब का साहस दिखाया था। अत्याचारी चाहते थे कि वे अपनी आस्था छोड़ दें, महान गुरू परंपरा की सीख छोड़ दें लेकिन उन्होंने उनकी शर्त नहीं मानी।
- हमें लोकल फॉर वोकल को बनाए रखना चाहिए और बढ़ते ही रहना चाहिए। आप हर साल न्यू ईयर रेजोल्यूश लेते हैं। इस बार एक रेजोल्यूशन अपने देश के लिए जरुर लेना है।