संसद भवन का भव्य उद्घाटन, जानिये इसकी विशेषताएं

नई संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री के हाथों संपन्न हो गया। इसमें सभी धर्मों के गुरुओं ने प्रार्थनाएं की। इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला समेत एनडीए की सहयोगी और समर्थक दलों के नेता उपस्थित थे।

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संसद भवन

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार सुबह रायसीना हिल्स में स्थापित संसद के नए भवन का औपचारिक उद्घाटन किया। उद्घाटन समारोह की शुरुआत पूजा से हुई। प्रधानमंत्री मोदी के साथ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी मौजूद हैं। दोनों ने हवन में हिस्सा लिया।

इसके बाद प्रधानमंत्री ने नए भवन में पवित्र राजदंड ‘सेंगोल’ को स्थापित किया। तमिलनाडु से आए आदिनम संतों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कल नई दिल्ली में पवित्र राजदंड ‘सेंगोल’ सौंपा था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट किया है-‘पूरा देश तमिलनाडु की गौरवशाली संस्कृति पर गर्व करता है। नए संसद भवन में इस महान राज्य की संस्कृति को गौरवान्वित होते देखना वास्तव में खुशी की बात है।’ उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा है- भारत की नई संसद वास्तव में हमारे लोकतंत्र का प्रकाश स्तंभ है। यह देश की समृद्ध विरासत और भविष्य के लिए जीवंत आकांक्षाओं को दर्शाता है।’

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नई संसद भवन की विशेषता
नया संसद भवन परिसर 64,500 वर्ग मीटर में फैला हुआ है और यह 20,000 करोड़ रुपये की सेंट्रल विस्टा परियोजना का हिस्सा है। संसद भवन परियोजना की लागत 971 करोड़ रुपये आंकी गई है। इमारत भूकंप प्रतिरोधी है और इसमें प्रत्यक्ष रूप से 2,000 श्रमिकों और अप्रत्यक्ष रूप से 9,000 श्रमिकों को रखा जाएगा।

क्या है सेंगोल
नई संसद भवन के लोकार्पण के साथ ही एक ऐतिहासिक परंपरा को पुनर्जीवित किया गया। जिसके पीछे युगों-युगों से जुड़ी एक परंपरा है। इसे तमिल में सेंगोल कहा जाता है और इसका मतलब धन और ऐतिहासिक समृद्ध है। 14 अगस्त 1947 को एक अनोखी घटना घटी। जब, तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू को 14, अगस्त 1947 को सेंगोल सौंपा गया था, यह सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक बन गया था। इसे नई संसद भवन में स्थान दिया गया गया है।

नए संसद भवन की उपयोगिता
लोकसभा सचिवालय के मुताबिक संसद की नई इमारत में प्रत्येक सांसद के लिए अलग ऑफिस होगा और हर ऑफिस सभी आधुनिक डिजिटल तकनीकों से लैस होगा। नई संसद में सांसदों के कार्यालयों को पेपरलेस ऑफिस बनाने के लिए नवीनतम डिजिटल इंटरफेस से लैस किया जा रहा है और इन दफ्तरों को अंडरग्राउंड टनल से जोड़ा जाएगा। नए संसद भवन में प्रत्येक सांसद को कार्यालय के लिए 40 वर्ग मीटर स्थान उपलब्ध कराया जाएगा। संसद की नई इमारत में राज्यसभा का आकार पहले के मुकाबले बढ़ेगा तथा लोकसभा का आकार भी मौजूदा से तीन गुना ज्यादा होगा। सदन में प्रत्येक बेंच पर दो सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है और प्रत्येक सीट डिजिटल प्रणाली तथा टचस्क्रीन से सुसज्जित की गई है। नए भवन में कॉन्स्टीट्यूशन हॉल, सांसद लॉज, लाइब्रेरी, कमेटी रूम, भोजनालय और पार्किंग की व्यवस्था भी की गई है और भवन में करीब 1400 सांसदों के बैठने की व्यवस्था है।

22 माह में पूरी हुई परियोजना
नया भवन सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत मौजूदा संसद भवन के पास ही बनाया गया है, जिसके निर्माण के लिए टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को टेंडर मिला था। संसद की नई इमारत का कार्य करीब 22 माह की अवधि में पूरा होने का अनुमान था लेकिन कुछ तकनीकी कारणों से इसमें थोड़ा विलम्ब हुआ है। नए भवन की आंतरिक और बाहरी सजावट में लकड़ी का व्यापक उपयोग किया गया है और भवन की भव्यता व सुंदरता बढ़ाने के लिए इस पर बहुत सुंदर कारीगरी की गई है। इसके लिए नागपुर से मंगाई गई लकड़ी पर मुम्बई के शिल्पकारों तथा कारीगरों द्वारा खूबसूरत डिजाइन उकेरे गए हैं। नए संसद भवन को वास्तुकार बिमल पटेल के दिशा-निर्देशन में अहमदाबाद स्थित एचसीपी डिजाइन, प्लानिंग व मैनेजमेंट ने डिजाइन किया है।

विभिन्न देशों की संसद भवन का अध्ययन
वास्तुविदों ने संसद के नए भवन को बनाने के लिए कई देशों की संसद का निरीक्षण कर उनसे प्रेरणा ली। नई संसद में रेन हार्वेस्टिंग प्रणाली तथा वाटर रिसाइकलिंग प्रणाली के भी प्रबंध किए गए हैं। नई संसद वायु एवं ध्वनि प्रदूषण से पूरी तरह मुक्त होगी और इसमें सौर प्रणाली से ऊर्जा की बचत भी होगी। तमाम सुरक्षा सुविधाओं से लैस त्रिकोणीय आकार की इस भव्य इमारत को भूकम्परोधी तकनीक से बनाया गया है। 64, 500 वर्गमीटर क्षेत्र में बने नए संसद भवन में एक बेसमेंट सहित कुल चार फ्लोर हैं, जिसकी ऊंचाई संसद के मौजूदा भवन के बराबर ही है। लोकसभा कक्ष का डिजाइन राष्ट्रीय पक्षी मयूर जैसा जबकि राज्यसभा कक्ष का डिजाइन राष्ट्रीय पुष्प कमल जैसा बनाया गया है। संसद की नई इमारत में उच्चतम संरचनात्मक सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए उच्च गुणवत्ता वाली ध्वनि, आधुनिक दृश्य-श्रव्य सुविधाएं, डाटा नेटवर्क प्रणाली, बैठने की आरामदायक व्यवस्था, प्रभावी और समावेशी आपातकालीन निकासी की व्यवस्थाएं भी हैं। नया संसद भवन त्रिकोणीय है, जिसका निर्माण वैदिक रीति से वास्तु के अनुसार किया गया है और यह अत्याधुनिक, तकनीकी सुविधाओं से युक्त तथा ऊर्जा कुशल भी है। कुल मिलाकर नए भवन की सज्जा में भारतीय संस्कृति, क्षेत्रीय कला, शिल्प एवं वास्तुकला की विविधता का समृद्ध मिला-जुला स्वरूप है।

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