प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 जुलाई को वाराणसी में अक्षय पात्र के मेगा किचन को समाज के लिए लोकार्पित कर दिया। प्रधानमंत्री ने अत्याधुनिक अक्षय पात्र किचन का अवलोकन कर इसके कार्य प्रणाली को भी जाना। इस अवसर पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ,अक्षय पात्र के अध्यक्ष मधु पंडित दास, राष्ट्रीय अध्यक्ष भरत दास भी मौजूद रहे। एलटी कालेज परिसर अर्दली बाजार में स्थित फाउंडेशन के भवन में अक्षय पात्र के अध्यक्ष, मधु पंडित दास और उपाध्यक्ष चंचलपति दास ने प्रधानमंत्री की अगवानी की।
तीन एकड़ में 13.91 करोड़ की धनराशि से तैयार इस अक्षय पात्र किचन की क्षमता एक लाख बच्चों तक खाना पहुंचाने की है। लेकिन शुरूआत में 27000 बच्चों को मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। अगस्त माह में इसकी क्षमता बढ़ाकर 1 लाख 25 हजार और अगले 6 महीने में 2 लाख बच्चों का मिड डे मिल बन सकेगा।
एक घंटे में बनेंगी 40 हजार रोटी
अक्षय पात्र किचेन में अत्याधुनिक मशीनें एक घंटे में 40 हजार रोटी तैयार करने के साथ 1600 लीटर दाल पका सकेंगी। दाल के लिए 1600 लीटर के चार संयंत्र लगाए गए है। चावल के लिए भी 6 हाइड्रोलिक कूकर लगाए गए हैं। एक कूकर में 140 किलो चावल तैयार किया जा सकता है। किचन में लगे आर प्लांट में 10 हजार लीटर पानी स्वच्छ करने की सुविधा है। सोलर पैनल व सोलर वाटर हीटर के साथ भोजन पहुंचाने के लिए 15 इंसुलेटेड वैन भी हैं। भोजन तैयार करने के लिए पूरा ऑटोमेटिक किचन का निर्माण किया गया है। इसमें आटा गूंथने से लेकर रोटी बनाने तक की मशीन शामिल है। इस किचन में पूरे चौबीस घंटे में तीन सौ लोग काम करेंगे। रसोईघर में साफ़ सफाई का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। उद्घाटन के बाद सेवापुरी के 124 प्राथमिक स्कूलों के 25 हजार बच्चों तक ये खाना संस्था के वैन से पहुंचाया जाएगा।
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एक लाख बच्चों को खिलाने की क्षमता
अक्षय पात्र के राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय अध्यक्ष भरत दास के अनुसार हमारे देश में यह 62वां किचन है। इसकी क्षमता एक लाख बच्चों को एक साथ खाना खिलाने की है। इस किचन की विशेषता है यहां खाना पकाने के लिए गैस और सोलर एनर्जी का उपयोग होता है। सभी जगह पर हम सुनिश्चित करते हैं कि खाने का स्वाद और पोषण अच्छा हो। अब हमारी योजना वाराणसी में सभी 278 प्राइमरी तथा परिषदीय स्कूल के बच्चों को खाना खिलाने की है। अक्षय पात्र एक स्वयं सेवी संस्था है जो कि उत्तर प्रदेश सहित देश के 12 राज्यों में स्कूली बच्चों के लिए भोजन (मिड डे मील) उपलब्ध कराती है।