यूरोपीय देशों के तीन दिवसीय दौरे पर प्रधानमंत्री, यात्रा शुरू करने से पहले पीएम ने कही ये बात

प्रधानमंत्री जर्मनी, फ्रांस और डेनमार्क की यात्रा के दौरान यूक्रेन पर भारत के दृष्टिकोण का आदान-प्रदान करेंगे।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 02-04 मई को जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे। इस वर्ष यह प्रधानमंत्री की पहली विदेश यात्रा होगी।

विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने 1 मई को विशेष पत्रकारवार्ता में बताया कि प्रधानमंत्री जर्मनी, फ्रांस और डेनमार्क की यात्रा के दौरान यूक्रेन पर भारत के दृष्टिकोण का आदान-प्रदान करेंगे।

प्रधानमंत्री और चांसलर स्कोल्ज बिजनेस कार्यक्रम को करेंगे संबोधित
बर्लिन में प्रधानमंत्री जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। दोनों नेता भारत-जर्मनी अंतर-सरकारी परामर्श (आईजीसी) के छठे संस्करण की सह अध्यक्षता भी करेंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री और चांसलर स्कोल्ज संयुक्त रूप से एक बिजनेस कार्यक्रम को भी संबोधित करेंगे।

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भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में लेंगे भाग 
प्रधानमंत्री जर्मनी यात्रा के बाद डेनमार्क में आयोजित दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री अन्य नॉर्डिक देशों के नेताओं आइसलैंड की प्रधानमंत्री कैटरीन जैकोब्स्दोतिर, नॉर्वे के प्रधानमंत्री जोनास गहर स्टोर, स्वीडन की प्रधानमंत्री मैग्डेलेना एंडरसन और फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मारिन से बातचीत करेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी की यह डेनमार्क की पहली यात्रा होगी लेकिन डेनमार्क की प्रधानमंत्री के साथ उनकी तीसरी शिखर स्तरीय बातचीत होगी। चर्चा द्विपक्षीय मुद्दों और वैश्विक व क्षेत्रीय हितों के मुद्दों पर केंद्रित होगी।

भारतीय समुदाय को करेंगे संबोधित 
प्रधानमंत्री वापसी में 04 मई को कुछ समय के लिए पेरिस में रुकेंगे और राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात करेंगे। भारत और फ्रांस इस साल अपने राजनयिक संबंधों के 75 वर्ष मना रहे हैं और दोनों नेताओं के बीच बैठक सामरिक साझेदारी का महत्वाकांक्षी एजेंडा निर्धारित करेगी। क्वात्रा ने बताया कि प्रधानमंत्री जर्मनी और डेनमार्क दोनों जगह भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे।

पीएम ने कहाः
इस बीच प्रधानमंत्री ने यात्रा पूर्व अपने वक्तव्य में कहा कि उनकी यूरोप यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब यह क्षेत्र कई चुनौतियों और विकल्पों का सामना कर रहा है। अपनी विविध भागीदारी के माध्यम से वे अपने यूरोपीय भागीदारों के साथ सहयोग की भावना को मजबूत करने का इरादा रखते हैं। यह देश भारत की शांति और समृद्धि की तलाश में महत्वपूर्ण साथी हैं।

-उन्होंने बताया कि जर्मनी अंतर-सरकारी परामर्श (आईजीसी) के दौरान कई भारतीय मंत्री भी जर्मनी की यात्रा करेंगे और अपने जर्मन समकक्षों के साथ विचार-विमर्श करेंगे।

-विदेश सचिव के अनुसार जर्मनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री के साथ विदेशमंत्री एस. जयशंकर, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह भी होंगे।

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