भारत रूस शिखरवार्ता: नरेंद्र मोदी पुतिन द्वारा परंपरागत मैत्री को आगे बढ़ाने का संकल्प

प्रधानमंत्री मोदी और पुतिन के बीच हैदराबाद हाउस में मुलाकात से पहले 2019 में ब्रासीलिया में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में मुलाकात हुई थी।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच 21वीं वार्षिक शिखरवार्ता राजनीतिक और सैन्य सहयोग के दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण रही तथा दोनों देशों ने विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए।

एक वर्ष के व्यवधान के बाद दोनों देशों की शिखरवार्ता हुई, जिसमें मोदी-पुतिन ने भारत-रूस की परंपरागत मैत्री को आगे बढ़ाने का संकल्प व्यक्त किया। दिल्ली के हैदराबाद हाउस में मोदी और पुतिन की शिखरवार्ता के पहले दोनों देशों के रक्षा और विदेश मंत्रियों ने द्विपक्षीय और टू प्लस टू वार्ता प्रक्रिया के अंतर्गत विचार-विमर्श किया। रक्षा मंत्रियों की बैठक में भारत और रूस सैन्य सहयोग समझौते को अगले दस वर्षों के लिए वर्ष 2031 तक बढ़ाने संबंधी समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। अत्याधुनिक एके-203 राइफलों के भारत में निर्माण संबंधी समझौते पर भी हस्ताक्षर किए गए।

दोनों देशों के बीच कुल 28 समझौतों और करारों पर हस्ताक्षर किए गए हैं। रूस के सदूर पूर्व क्षेत्र में तेल और गैस की परियोजनाओं में भारत के भारी निवेश को ध्यान में रखते हुए व्लादिवोस्टॉक में भारत का वाणिज्यिक दूतावास के लिए भूमि आवंटन संबंधी प्रोटोकॉल भी हस्ताक्षर किए गए हैं।

विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने दोनों नेताओं की बातचीत के संबंध में एक पत्रकार वार्ता में कहा कि एक-दूसरे के प्रतिष्ठानों में संपर्क सुविधाएं प्रधान करने संबंधी समझौते पर फिलहाल हस्ताक्षर नहीं हो पाए। इस संबंध में कुछ मुद्दों पर विचार-विमर्श जारी है तथा शीघ्र ही समझौता होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि रूस से मिसाइल रक्षा प्रणाली एस-400 की आपूर्ति को लेकर अमेरिका की प्रतिबंधों की धमकी से जुड़े मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई।

उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं की बातचीत में सीमापार आतंकवाद, अफगानिस्तान के घटनाक्रम और कोरोना महामारी से लड़ने के उपायों के संबंध में द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा हुई। शिखरवार्ता के बाद दोनों देशों ने एक संयुक्त वक्तव्य जारी किया।

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चुनौतियों के बावजूद भारत और रूस के संबंधों की रफ्तार में बदलाव नहीं –प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शिखरवार्ता के अपने प्रारंभिक वक्तव्य में कहा कि चुनौतियों के बावजूद भारत और रूस के संबंधों की रफ्तार में कोई बदलाव नहीं आया है। समय के साथ हमारी विशेष रणनीतिक साझेदारी निरंतर मजबूत हो रही है। अनेक क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भारत और रूस का एक जैसा मत है।

मोदी ने कहा कि पिछले कई दशकों में वैश्विक स्तर पर कई मूलभूत बदलाव आए हैं। कई तरह के भू-रणनीतिक समीकरण उभरे हैं किन्तु इन सभी कारकों के बीच भारत-रूस मित्रता में निरंतरता रही है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने न सिर्फ एक दूसरे के साथ निसंकोच सहयोग किया है, बल्कि एक दूसरे की संवेदनशीलता का भी विशेष ध्यान रखा है। यह सचमुच दो देशों की दोस्ती का एक अनोखा और विश्वस्त मॉडल है।

मोदी ने कहा कि पिछले दो वर्षों में कोरोना कालखंड में पुतिन की यह दूसरी विदेश यात्रा है। यह भारत के प्रति उनके लगाव और निजी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। भारत-रूस संबंधों का कितना महत्व है, वह इससे साफ होता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भी दोनों देशों के बीच बेहतरीन सहयोग रहा है- चाहे वैक्सीन परीक्षण और उत्पादन में हो, मानवीय सहायता के लिए हो, या एक दूसरे के नागरिकों की देश वापसी के लिए हो।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 हमारे द्विपक्षीय संबंधों के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण है। इस वर्ष 1971 की भारत रूस मैत्री संधि के पांच दशक और हमारी रणनीतिक साझेदारी के दो दशक पूरे हो रहे हैं। इस विशेष वर्ष में आपके साथ फिर मिल पाना मेरे लिए हर्ष की बात है क्योंकि हमारी रणनीतिक साझेदारी में पिछले 20 वर्षों में जो उल्लेखनीय प्रगति हुई है, उसके मुख्य सूत्रधार आप ही रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 2021 हमारी रणनीतिक साझेदारी के लिए भी विशेष है। आज हमारे विदेश एवं रक्षा मंत्रियों के बीच टू प्लस टू वार्ता की पहली बैठक हुई। इससे हमारे व्यावहारिक सहयोग को बढ़ाने का एक नया मैकेनिज्म शुरू हुआ है।

उन्होंने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान और दूसरे क्षेत्रीय विषयों पर भी हम निरंतर संपर्क में रहे हैं। ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम और व्लादिवोस्टॉक शिखर सम्मलेन से शुरू हुई क्षेत्रीय साझेदारी आज रूसी सुदूर पूर्व और भारत के राज्यों के बीच वास्तविक सहयोग में बदल रही है।

उन्होंने कहा कि आर्थिक क्षेत्र में भी अपने रिश्तों को और घनिष्ट बनाने के लिए हम एक दूरगामी दृष्टिकोण अपना रहे हैं। हमने 2025 तक 30 अरब डॉलर व्यापार और 50 अरब डॉलर के निवेश का लक्ष्य रखा है। इन लक्ष्यों तक पहुंचने के लिए हमें अपने उद्योग-व्यापार जगत का मार्गदर्शन करना चाहिए।

मोदी ने कहा कि विभिन्न सेक्टरों में आज हुए हमारे समझौतों से इसमें मदद मिलेगी। मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत साझा विकास और साझा उत्पादन से हमारा रक्षा सहयोग और मजबूत हो रहा है। अंतरिक्ष और असैन्य परमाणु क्षेत्रों में भी हमारा सहयोग आगे बढ़ रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि गुटनिरपेक्ष समूह में ऑब्जर्वर और हिन्द महासागर रिम एसोसिएशन में संवाद साझीदार बनने के लिए रूस को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। इन दोनों मंचों में रूस की उपस्थिति का समर्थन करना हमारे लिए खुशी की बात थी। हर एक क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भारत और रूस का एक जैसा मत है। आज की बैठक में हमें इन पर चर्चा करने का अवसर मिलेगा।

पुतिन को उपहार में दिए एगेट बाउल्स
प्रधानमंत्री मोदी और पुतिन के बीच हैदराबाद हाउस में मुलाकात से पहले 2019 में ब्रासीलिया में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में मुलाकात हुई थी। दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण संबंधों का सम्मान करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को गुजरात के आदिवासी समुदाय और कारीगरों द्वारा बनाए गए उत्तम एगेट बाउल्स उपहार में दिए।

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