प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 26 अप्रैल को राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा के दौरान अनुरोध किया कि वैश्विक परिस्थितियों के चलते पेट्रोलियम उत्पादों की बड़ी कीमतों से लोगों को राहत देने के लिए राज्य अपने यहां वैट में कटौती करें।
प्रधानमंत्री ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद के समापन भाषण का सीधा प्रसारण किया गया। इसमें प्रधानमंत्री ने राज्यों से सहयोगी संघवाद का उदाहरण प्रस्तुत करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि दुनिया में युद्ध की परिस्थिति पैदा हुई है। इससे सप्लाई चेन प्रभावित हुई है। ऐसे माहौल में दिनों-दिन चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं।
तेल की कीमतों में वृद्धि
उन्होंने कहा कि तेल की कीमतों में वृद्धि को देखते हुए केन्द्र सरकार ने पिछले साल पेट्रोलियम उत्पादों पर आबकारी कर में कटौती की थी। इसी को देखते हुए कुछ राज्यों ने भी अपने यहां कटौती की है। उन्होंने कहा कि इस कटौती से केन्द्र और राज्य दोनों के राजस्व में कमी आ रही है लेकिन इससे जनता को राहत मिल रही है।
इन राज्यों ने नहीं घटाए टैक्स
प्रधानमंत्री ने कुछ उदाहरण देते हुए राज्यों की ओर से की गई कटौती, उससे कीमतों में आई कमी और राज्यों को हुए राजस्व घाटे का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल, झारखंड, तमिलनाडु ने किसी न किसी कारण से केंद्र सरकार की बातों को नहीं माना और उन राज्य के नागरिकों पर बोझ पड़ता रहा। उनकी प्रार्थना है कि नंवबर में केन्द्र सरकार ने आबकारी कर में कटौती की अब राज्य वैट कम करके अपने नागरिकों को लाभ पहुंचाएं।