मियां जी का महिला अत्याचार नहीं चलेगा, असम में बहु-विवाह और लव जिहाद प्रतिबंध की आ गई तारीख

सारी प्रक्रियाओं के बाद अगले 45 दिनों में बहु विवाह पर प्रतिबंध लगाने संबंधी प्रक्रिया को विधेयक (bill) का रूप दिया जाएगा। इस विधेयक में लव जिहाद का मुद्दा भी शामिल किया जाएगा।

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एक देश एक कानून के लिए जब-तब उठती मांगों के बीच 03 सितंबर को असम (Assam) के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने अपने राज्य में बहु-विवाह (Polygamy) और लव जिहाद (love jihad) पर प्रतिबंध (banned) लगाने की पहल शुरू कर दी है। हिंदू धर्म (Hinduism) में तो पहले से ही बहुविवाह को गैर कानूनी ठहरा दिया गया था। लेकिन खासकर मुस्लिम धर्म (Muslimism) में आज भी बहुविवाह प्रथा चालू है। इसके खिलाफ कोई ठोस कानून नहीं होने से ही मुस्लिम महिलाओं का जीवन नारकीय बनता रहा है।

प्रतिबंध के पक्ष में जनता ने दिया सुझाव
इस बाबत पत्रकारों से बात करते असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया कि असम में बहु विवाह पर प्रतिबंध लगाने को लेकर सभी संबंधित पहलुओं का अध्ययन करने के लिए एक कानूनी समिति (legal committee) गठित की गई थी। तत्पश्चात राज्य सरकार ने राज्य की जनता से भी इस संदर्भ में सुझाव मांगा कि जिन्हें बहु विवाह के विरुद्ध कानून बनने से आपत्ति हो, वे अपने आपत्ति से राज्य सरकार को अवगत कराएं। सीएम सरमा ने बताया कि जनता से प्राप्त कुल 149 सुझावों में से 146 सुझाव बहुविवाह के विरूद्ध कानून बनाने के पक्ष में थे, जबकि केवल तीन सुझाव प्रतिबंध के खिलाफ थे।

राज्य विधानसभा में दिसंबर में पेश होगा बिल
मुख्यमंत्री सरमा ने बताया कि इन सारी प्रक्रियाओं के बाद अगले 45 दिनों में बहु विवाह पर प्रतिबंध लगाने संबंधी प्रक्रिया को विधेयक (bill) का रूप दिया जाएगा। इस विधेयक में लव जिहाद का मुद्दा भी शामिल किया जाएगा। सरमा ने इस बिल को राज्य विधानसभा (state assembly) ने दिसंबर तक पेश कर देने का विश्वास व्यक्त किया। गौरतलब हो कि गत महीने वंदे भारत ट्रेन के शुभारंभ के मौके पर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक देश, एक कानून को देश के विकास के लिए जरूरी बताया था।

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