Pramod Krishnam: कांग्रेस (Congress) से 24 घंटे पहले बाहर किए गए आचार्य प्रमोद कृष्णम (Acharya Pramod Krishnam) ने 11 फरवरी (रविवार) को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के संभल स्थित श्री कल्कि धाम (Shri Kalki Dham) में चुप्पी तोड़ी। श्री कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य कृष्णम ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, “16-17 साल की उम्र में मैंने जो वचन राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) को दिया था, वो आज तक निभाया है। आज इस उम्र में संकल्प ले रहा हूं कि अब मैं आजीवन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) के साथ खड़ा रहूंगा।”
निष्कासित कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, “मैं कांग्रेस की विचारधारा से जुड़ा हुआ हूं। सबसे पहले रामराज्य का सपना महात्मा गांधी ने देखा था। जो सपना महात्मा गांधी ने देखा वो सपना प्रधानमंत्री मोदी पूरा कर रहे हैं। अगर मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं और देशहित में अच्छा फैसला कर रहे हैं तो उसका समर्थन होना चाहिए।”
#WATCH | On his expulsion from Congress, Acharya Pramod Krishnam says, “Congress President Mallikarjun Kharge, KC Venugopal should tell which activities are anti-party? Is taking Lord Ram’s name anti-party? Is going to Ayodhya anti-party?…” pic.twitter.com/Z5rfTxHP73
— ANI (@ANI) February 11, 2024
सचिन पायलट का बहुत अपमान हुआ
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व आज प्रधानमंत्री मोदी से नफरत करते-करते पूरे देश से नफरत करने लगा है। कांग्रेस प्रधानमंत्री मोदी से नफरत करते-करते सनातन को मिटाने पर तुल गई है। पार्टी में सचिन पायलट का बहुत अपमान हुआ है। सचिन भगवान शिव की तरह जहर पिये जा रहे हैं। प्रियंका गांधी की भी बहुत तौहीन की जा रही है। सवाल यह है कि अपमान किसके इशारे पर किया जा रहा है?
#WATCH | Expelled Congress leader Acharya Pramod Krishnam says, “…Today at this age, I am taking this resolution that I will stand with Narendra Modi all my life…Every leader is asking me, what was the fault of Acharya Pramod Krishnam?…I want to thank all those leaders who… pic.twitter.com/WeLJwk5n9p
— ANI (@ANI) February 11, 2024
क्या भगवान राम का नाम लेना कांग्रेस विरोध है?
आचार्य कृष्णम ने कहा, उन्हें कल रात कुछ न्यूज चैनलों के माध्यम से अपने छह साल के निष्कासन की जानकारी मिली। उन्होंने इसके लिए सवाल करते हुए कांग्रेस नेतृत्व का आभार जताया और पूछा कि केसी वेणुगोपाल या मल्लिकार्जुन खड़गे बताएं कि ऐसी कौन सी गतिविधियां हैं जो पार्टी के विरोध में थीं। क्या भगवान राम का नाम लेना पार्टी (कांग्रेस) विरोधी है? उन्होंने कहा कि ‘राम और राष्ट्र’ पर समझौता नहीं किया जा सकता। निष्कासन बहुत छोटी चीज है।