भाजपा कार्यकर्ता की ‘मॉब लिंचिंग’? पुलिस अधिकारी भी निकले आरोपी!

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उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुई मॉब लिंचिंग (भीड़ द्वारा प्रताड़ित कर हत्या) के प्रकरण में भाजपा की नई सरकार के कमान संभालने के पहले ही पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है। इस प्रकरण में पुलिस प्रशासन ने एक निरीक्षक समेत चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। इस घटना में एक भाजपा कार्यकर्ता की संशयास्पद मौत हो गई थी तथा इसमें भारतीय जनता पार्टी के कई कार्यकर्ता भी घायल हो गए थे।

बहरिया थाना क्षेत्र के मुबारकपुर गांव में शनिवार शाम को भाजपा कार्यकर्ताओं ने भाजपा का विजय जुलूस निकाला था, यह जुलूस मुबारकपुर से नेवादा गांव जा रहा था, इसमें कार्यकर्ता डीजे बजा रहे थे। इस बीच कुछ लोगों ने डीजे बजाने का विरोध किया और दोनों पक्षों में कहासुनी के बाद विरोध करनेवालों की ओर से डंडे और ईंटों से हमला कर दिया गया। इस हमलें में कई कार्यकर्ता घायल हो गए और एक युवक की पिटाई के कारण मौत हो गई। इस प्रकरण में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय कुमार ने सोमवार को एक पुलिस निरीक्षक समेत चार पुलिस कर्मचारियों को निलम्बित कर दिया है। भाजपा कार्यकर्ताओं की तहरीर पर रविवार देर रात एक उपनिरीक्षक समेत 25 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके जांच की जा रही है।

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जीत की खुशी में हो गया पथराव
बहरिया थाना के मुबारकपुर गांव में शनिवार शाम को भाजपा के कार्यकर्ता जीत के जश्न में डीजे पर डांस कर रहे थे। आरोप है कि इस दौरान एक पक्ष ने पथराव किया जिसमें सतीश चौहान (18) घायल हो गया। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

पीड़ित परिवार से दबंगई का आरोप
सूत्रों के अनुसार, इस प्रकरण में आरोपी पक्ष ने आरोप लगाया है कि, मृत युवक के परिवार के पास युवक को अस्पताल में भर्ती कराने का कोई कागजात नहीं मिला। परिवार के लोग बगैर पुलिस के सूचना दिये उसका अन्तिम संस्कार करने के लिए फाफामऊ घाट ले गए थे। जबकि, भाजपा कार्यकर्ताओं का आरोप है कि मृतक के परिवार पर दबंगों ने दबाव डाला था, जिससे मृतक युवक का परिवार डर में है और अपने ऊपर खतरा महसूस कर रहा है।

पुलिस पर प्रताड़ित करने का आरोप
इस बीच बहरिया थाने में तैनात उपनिरीक्षक संजय यादव ने भाजपा के दो कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। आरोप है कि दोनों की थाने में पिटाई की गई। रविवार सुबह मामले ने तूल पकड़ लिया। भाजपा के कार्यकर्ता थाने पर धरना देकर उपनिरीक्षक संजय यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग करने लगे। भाजपा कायकर्ता अपनी मांग पर अड़ गए। पथराव के आरोपितों पर हत्या का मुकदमा दर्ज हो और लापरवाह पुलिस कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाए। दिनभर पुलिस टाल मटोल करती रही। शाम को गंगापार भाजपा जिलाध्यक्ष अश्विनी द्विवेदी ने थाने पर धरना देते हुए एडीजी को मामले से अवगत कराया।

ये हैं निलंबित पुलिसकर्मी

  • रवि प्रकाश – एसएचओ, बहरिया पुलिस थाना
  • संजय यादव – उप निरीक्षक
  • विकास उपाध्याय – कांस्टेबल
  • दीन दयाल दूबे – कांस्टेबल

इन पुलिस कर्मियों पर आरोप है कि, उन्होंने क्षेत्र में युवक की संशयास्पद मौत की जानकारी वरिष्ठों को नहीं दी। आरोप है कि, इन पुलिस कर्मियों ने मृतक युवक के परिवार पर दबाव डालकर प्रताड़ित किया।

पुलिस का पक्ष
इस प्रकरण में पुलिस की ओर से कहा गया है कि, मृतक सतीश के पिता बाबूराम ने बताया कि उनका पुत्र जब मुबारकपुर से लौट रहा था, उस समय उसकी मोटरसाईकिल फिसल गई। इस दुर्घटना में गंभीर चोट लगने के कारण उसकी मौत हो गई थी।

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