भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ बातचीत के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन मानवाधिकारों को लेकर अमेरिका की चिंताओं को उठा सकते हैं, लेकिन वे इस मुद्दे पर उन्हें कोई ‘नसीहत’ नहीं देंगे। यह जानकारी व्हाइट हाउस के शीर्ष अधिकारी की तरफ से जारी एक बयान में दी गई है।
प्रधानमंत्री मोदी 22 जून को अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के साथ उच्च स्तरीय वार्ता करेंगे। इस दौरान दोनों नेता भारत-अमेरिका और वैश्विक हितों के व्यापक मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
अमेरिका का मानवाधिकार को लेकर सकारात्मक रहेगा रुख
व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जेक सुलिवन ने 21 जून को संकेत दिया कि बाइडन मानवाधिकारों पर अपनी चिंताओं को प्रधानमंत्री मोदी के सामने रखेंगे।21 जून को, विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अमेरिका ने हर स्तर पर मानवाधिकारों के मुद्दे पर स्पष्ट और रचनात्मक चर्चा की है।
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अमेरिकी सांसदों के एक समूह की मांग
-अमेरिकी सांसदों के एक समूह ने 20 जून को बाइडेन को पत्र लिखकर उनसे मोदी के समक्ष ‘चिंता वाले मुद्दे’ उठाने तथा दोनों देशों के बीच मजबूत एवं दीर्घकालिक संबंध सफल बनाने के लिए जरूरी सभी मुद्दों पर चर्चा करने का आग्रह किया था। भारतवंशी सांसद प्रमिला जयपाल सहित 75 सांसदों के हस्ताक्षर वाले पत्र में कहा गया कि लंबे समय से भारत-अमेरिका के मजबूत संबंधों के समर्थक के रूप में, हम यह भी मानते हैं कि दोस्तों को अपने मतभेदों पर ईमानदार और स्पष्ट तरीके से चर्चा करनी चाहिए।
-अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) ने भी बाइडन से मोदी की राजकीय यात्रा के दौरान भारत में धार्मिक स्वतंत्रता एवं अन्य संबंधित मानवाधिकारों के मुद्दों को उठाने का आग्रह किया था।
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