प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) इस समय रूस दौरे (Russia Visit) पर हैं। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (President Vladimir Putin) के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी मॉस्को (Moscow) गए हैं। इस मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है। कोरोना के बाद प्रधानमंत्री मोदी पहली बार रूस गए हैं। इसी कड़ी में रूस दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सामने रूसी सेना में काम कर रहे भारतीयों की वापसी का मुद्दा उठाया। इसके बाद राष्ट्रपति पुतिन ने पीएम मोदी से कहा कि जल्द ही भारतीयों (Indians) की देश वापसी होगी।
रूस दौरे से पहले पीएम मोदी ने क्या कहा?
उन्होंने कहा, “मैं अपने मित्र राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय सहयोग के सभी पहलुओं की समीक्षा करने और विभिन्न क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचार साझा करने के लिए उत्सुक हूं। मैं एक सहायक भूमिका निभाना चाहता हूं।”
जानें क्या है मामला?
दरअसल, एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि भारतीय नागरिकों को रूसी सेना में भर्ती कर यूक्रेन के खिलाफ लड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि भारतीयों को धोखे से सुरक्षा सहायक के तौर पर काम करने के लिए सीमा पर भेजा जा रहा है।
सीमा पर फंसे हैं 18 भारतीय
द हिंदू की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक एजेंट ने जानकारी दी कि नवंबर 2023 से रूस-यूक्रेन सीमा पर करीब 18 भारतीय फंसे हुए हैं। जिसमें एक व्यक्ति की मौत भी हो चुकी है। इस जंग में उत्तर प्रदेश, गुजरात, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के कई युवा भी फंसे हुए हैं। हैदराबाद का एक युवक भी इसमें फंसा था, जिसके बाद युवक ने सोशल मीडिया के जरिए भारत सरकार से मदद मांगी। फिर पीड़ित परिवार ने एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी से संपर्क किया। जिसके बारे में ओवैसी ने 25 जनवरी को विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास को एक पत्र लिखा।
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