महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू होने की संभावना बढ़ गई है। शिवसेना के असंतुष्ट गुट के 12 विधायकों ने अपने और अपने परिवार की सुरक्षा को खतरा बताते हुए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को एक पत्र दिया है। पत्र में प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू करने की भी मांग की गई है।
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मिली जानकारी के अनुसार राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी अंसतुष्ट विधायकों की मांग पर केंद्र से प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश करेंगे। हालांकि केंद्र इस पर क्या रूख अपनाता है, इस बारे में अभी से कुछ कहना मुश्किल है। लेकिन जिस तरह से महाराष्ट्र में राजनैतिक घटनाक्रम जारी है, उसे देखते हुए यहां राष्ट्रपति शासन लागू होने की संभावना बढ़ गई है।
नवनीत राणा की मांग
अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने भी केंद्र से बागी विधायकों के परिवारों को सुरक्षा मुहैया कराने और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। नवनीत राणा ने 25 जून को एक वीडियो जारी किया है। शिवसेना नेता सांसद संजय राउत ने कहा है कि विधायकों को सुरक्षा है, उनके परिवार को नहीं। राणा ने इस बयान की खबर को गंभीरता से लिया है। संजय राउत का वास्तव में क्या मतलब है? क्या आप असंतुष्ट विधायकों के परिवार वालों को मारने जा रहे हैं? उन्होंने ऐसा सवाल उठाया।
विधायकों के परिजनों की जान को खतरा
अमरावती सांसद ने कहा है कि जो बागी विधायक एकनाथ शिंदे के साथ हैं, वो सही मायने में शिवसैनिक हैं। वे बालासाहेब ठाकरे के अनुयायी हैं। बागी विधायकों के परिजनों की जान को खतरा है। क्योंकि आजकल शिवसैनिक गुंडागर्दी कर रहे हैं और विधायकों और सांसदों के दफ्तरों में तोड़फोड़ कर रहे हैं। महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। नवनीत राणा ने मुख्यमंत्री ठाकरे से सरकार भंग करने की मांग की है।