गीजा का पिरामिड देखने पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी! जानिये, क्या है इतिहास

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने तय कार्यक्रम से हटकर काहिरा में गीजा के पिरामिड देखने पहुंचे। इसका निर्माण 4000 साल से भी पहले हुआ था।

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मिस्र की दो दिवसीय यात्रा के दौरान 25 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने तय कार्यक्रम से हटकर गीजा के पिरामिड देखने पहुंचे, जिसका निर्माण 4000 साल से भी पहले हुआ था। ज्ञात रहे कि गीजा का पिरामिड दुनिया के सात अजूबों में शामिल है।

146.5 मीटर है ऊंचाई
तीन पिरामिड में से सबसे बड़ा काहिरा के बाहर एक चट्टान पर बना ग्रेट पिरामिड की ऊंचाई 146.5 मीटर है। इसका निर्माण उस समय मिस्र के फराओ खुफू ने करवाया था। अमेरिका की सफल राजकीय यात्रा के बाद, मोदी मिस्र की अपनी दो दिवसीय राजकीय यात्रा के दूसरे दिन पिरामिड को देखने पहुंचे। मिस्र के प्रधानमंत्री मुस्तफा मैडबौली पिरामिड की यात्रा के दौरान मोदी के साथ थे।

प्रधानमंत्री ने किया ट्वीट
-प्रधानमंत्री ने यात्रा के बाद ट्वीट किया, मैं पिरामिड की यात्रा पर मेरे साथ आने के लिए प्रधानमंत्री मुस्तफा मैडबौली को धन्यवाद देता हूं। हमने अपने राष्ट्रों के सांस्कृतिक इतिहास और आने वाले समय में इन संबंधों को कैसे गहरा किया जाए, इस पर गहन चर्चा की।

 प्राचीन साम्राज्य के चौथे राजवंश के शासन में हुआ था निर्माण
तीनों पिरामिड का निर्माण 2600 ईसा पूर्व और 2500 ईसा पूर्व के बीच प्राचीन साम्राज्य के चौथे राजवंश के शासन के दौरान किया गया था। प्राचीन मिस्र के इतिहास को तीन मुख्य काल प्राचीन साम्राज्य (लगभग 2700 से 2200 ईसा पूर्व), मध्य साम्राज्य (2050 से 1800 ईसा पूर्व) और नया साम्राज्य (1550 से 1100 ईसा पूर्व) में विभाजित किया गया है।

गीजा के पिरामिड और आधे मानव-आधे शेर की आकृति वाले स्फिंक्स समेत मेम्फिस क्षेत्र के प्राचीन खंडहर को सामूहिक रूप से 1979 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था। हर साल दुनिया भर से लाखों पर्यटक पिरामिड देखने आते हैं।

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